जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के 4 साल हुए पूरे, जानें विस्तार से

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अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति आई है। केंद्र सरकार ने 4 साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। केंद्र सरकार की इस ऐतिहासिक फैसले से बीते 4 सालों में जम्मू-कश्मीर में काफी बड़े बदलाव आए हैं। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए चार साल पूरे हो गए हैं।

 

जम्मू कश्मीर विकास की राह पर

जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म होने के बाद यह विकास की राह पर चल पड़ा। बीते 4 सालों में जम्मू कश्मीर का भौगोलिक नक्शा तो बदला ही है। साथ ही निर्वाचन क्षेत्र की तस्वीर भी बदल गई है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य का बंटवारा कर दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनाया गया। जम्मू कश्मीर का अपना झंडा और अपना संविधान की व्यवस्था खत्म हो गई।

 

जम्मू और कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटें

जम्मू-कश्मीर से दोहरी नागरिकता को भी समाप्त कर दिया गया। जहां पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था वहीं अब उसे 5 साल कर दिया गया है। प्रदेश से विधान परिषद को भी समाप्त कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में 7 विधानसभा सीटों को बढ़ाया गया है, जिसमें से 6 सीटें जम्मू और एक सीट कश्मीर में बढ़ाई गई है। जम्मू और कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटें हो गई है। यह सीटें पाक अधिकृत कश्मीर को हटाकर हैं।  पीओके के लिए 24 सीट पहले से तय है, जिस पर चुनाव नहीं होते हैं।

 

अनुसूचित जनजातियों के लिए सीट आरक्षित

जम्मू क्षेत्र में इस बदलाव के तहत 43 और कश्मीर घाटी में 47 सीटें हो गए हैं। वही इससे पहले कश्मीर घाटी में 46 और जम्मू क्षेत्र में 37 सीटें होती थी। पहली बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीट आरक्षित की गई है। एसटी के लिए 9 सीट आरक्षित की गई है। इनमें से छह जम्मू क्षेत्र में और 3 सीट कश्मीर घाटी में आरक्षित की गई है। वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए पहले से आरक्षित 7 सीटों को बरकरार रखा गया है।

 

धारा 370 क्‍या है?

  • इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
  • इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्‍त करने का अधिकार नहीं है।
  • जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
  • भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
  • जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
  • इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
  • भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
  • जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  • भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
  • जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
  • धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
  • कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
  • कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
  • धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।

 

चार वर्षों में प्रमुख विकास

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से चार वर्षों में प्रमुख विकास इस प्रकार हैं:

  • निरसन के बाद, जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में मान्यता दी गई।
  • अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अलावा, अनुच्छेद 35ए, जो जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष विशेषाधिकार और अधिकार प्रदान करता था, को भी निरस्त कर दिया गया। इससे पूरे भारत के लोगों के लिए इस क्षेत्र में बसने और निवेश करने के नए अवसर और समान अधिकार खुल गए।
  • केंद्रशासित प्रदेशों में परिवर्तन के साथ, नौकरशाही को सुव्यवस्थित करने और सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार हुए।
  • भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकास पहल शुरू कीं।
  • आतंकवाद का मुकाबला करने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों से क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार देखा गया।
  • नई राजनीतिक संरचनाएँ उभरीं और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव हुए।

 

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Govt defers implementation of restrictions on imports of laptops, PCs and tablets to Nov 1_100.1

मंत्रालय ने लागू की ‘नया सवेरा’ या ‘फ्री कोचिंग एंड अलाइड’ स्कीम

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मंत्रालय ने ‘नया सवेरा’ योजना को लागू किया, जिसे ‘फ्री कोचिंग एंड अलाइड’ योजना के नाम से भी जाना जाता है, जिसका उद्देश्य छह अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों/उम्मीदवारों की सहायता करना है। इसके तहत उन्हें विशेष कोचिंग दी जाएगी ताकि वे योग्यता परीक्षाओं में सफल हो सकें। इन समुदायों में सिख, जैन, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और पारसी शामिल हैं।

‘नया सवेरा’ योजना: उद्देश्य

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों में अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को विशेष कोचिंग प्रदान करना है:

  1. ‘नया सवेरा’ स्कीम तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रमों जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून, प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी आदि में प्रवेश के लिए योग्यता परीक्षाओं की तैयारी करने में सहायता करती है। ये स्कीम  विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए भाषा/क्षमता परीक्षाओं में भी सहायता प्रदान करती है।
  2. इसके साथ ही, ये स्कीम ग्रुप ‘ए’, ‘बी’, और ‘सी’ सेवाओं के भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं में सहायता भी करती है, साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकारों के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, बैंक, बीमा कंपनियों और स्वायत्त संस्थानों में अन्य समकक्ष पदों के लिए भी सहायता करती है।
  • इस स्कीम के तहत कोचिंग की अवधि 3 महीने से 2 साल तक की थी।

‘फ्री कोचिंग एंड अलाइड स्कीम’ : 2007 से अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाना

‘फ्री कोचिंग एंड अलाइड स्कीम’ जिसका लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित उम्मीदवारों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया था, वह 17 जुलाई, 2007 को आरंभ किया गया था। इसके शुरू होने के बाद से, नया सवेरा योजना (जिसे ‘फ्री कोचिंग एंड अलाइड’ स्कीम भी कहा जाता है) ने 1.19 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया है। इनमें से 12,155 लाभार्थी आंध्र प्रदेश राज्य से थे।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के बारे में

  • माइनॉरिटी कार्य मंत्रालय को 29 जनवरी, 2006 को समाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय से अलग एक अलग इकाई के रूप में स्थापित किया गया था।
  • मंत्रालय पहचान किए गए अल्पसंख्यक समुदायों, अर्थात् मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, पारसी और जैन द्वारा सामना की जाने वाली चिंताओं और मुद्दों से निपटता है।
  • मंत्रालय की प्राथमिक जिम्मेदारियों में अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान और लाभ के उद्देश्य से व्यापक नीतियों का निर्माण, रणनीतिक योजना, समन्वय, मूल्यांकन और नियामक ढांचे और विकास कार्यक्रमों की समीक्षा शामिल है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें

  • अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री: श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी

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Top Current Affairs News 05 August 2023: फटाफट अंदाज में

Top Current Affairs 05 August 2023 in Hindi: बता दें, आज के इस दौर में सरकारी नौकरी पाना बेहद मुश्किल हो गया है। गवर्नमेंट जॉब की दिन रात एक करके तयारी करने वाले छात्रों को ही सफलता मिलती है। उनकी तैयारी में General Knowledge और Current Affairs का बहुत बड़ा योगदान होता है, बहुत से प्रश्न इसी भाग से पूछे जाते हैं। सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा का स्तर पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो गया है, जिससे छात्रों को और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए हम 05 August के महत्वपूर्ण करेंट अफेयर लेकर आए हैं, जिससे तैयारी में मदद मिल सके।

 

Top Current Affairs 05 August 2023

 

नासा ने अपने खोए हुए अंतरिक्ष यान से फिर से स्थापित किया संपर्क

नासा ने 1977 में अंतरिक्ष की खोज के लिए भेजे गए अपने खोए हुए अंतरिक्ष यान ‘वॉयजर 2’ से फिर से संपर्क स्थापित कर लिया है। दरअसल, जुलाई में अंतरिक्ष यान को एक गलत कमांड भेजा गया था जिससे इसकी स्थिति बदल गई और संपर्क टूट गया था। अंतरिक्ष यान सामान्य रूप से काम कर रहा है।

 

दुनिया के शीर्ष 10 फ्राइड चिकन डिशेज़ में शामिल हुआ भारत का ‘चिकन 65’

फूड गाइड टेस्ट एटलस ने दुनिया के शीर्ष 10 फ्राइड चिकन डिशेज़ की सूची जारी की है जिसमें भारत का ‘चिकन 65’ 10वें स्थान पर है। चेन्नई के इस डिश को टेस्ट एटलस ने क्लासिक पोल्ट्री डिश बताया है। इंडोनेशिया का ‘आयम गोरेंग’ शीर्ष पर है और इसके बाद ‘ताइवनीज़ पॉपकॉर्न चिकन’ और सदर्न यूएसए का ‘सदर्न फ्राइड चिकन’ है।

 

यूपी में 2019 से 2021 के बीच ड्रग्स से जुड़े 31,482 केस हुए दर्ज, देशभर में सर्वाधिक

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि देशभर में 2019 से 2021 के बीच ड्रग्स से संबंधित सबसे अधिक एफआईआर उत्तर प्रदेश (31,482) में दर्ज हुई हैं। इस दौरान महाराष्ट्र में 28,959 केस और पंजाब में 28,417 मामले दर्ज हुए। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह विवरण दिया है।

 

अराश-डोर्रा गैस फील्ड विवाद क्या है?

सऊदी अरब और कुवैत ने हाल ही में विवादित अराश-डोर्रा गैस क्षेत्र पर अपना एकमात्र स्वामित्व होने का दावा किया है, यह एक संसाधन संपन्न अपतटीय क्षेत्र है जिस पर ईरान भी दावा करता है। इस क्षेत्र को लेकर तीनों देश लंबे समय से विवाद में उलझे हुए हैं और स्थिति तब और बिगड़ गई है जब ईरान ने सऊदी अरब और कुवैत की आपत्तियों के बावजूद अन्वेषण जारी रखने की धमकी दी है। ईरान में अराश और कुवैत और सऊदी अरब में डोर्रा के नाम से जाना जाने वाला अराश-डोर्रा गैस क्षेत्र तीन देशों के बीच विवाद का केंद्र बिंदु रहा है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्राकृतिक गैस भंडार हैं, जो इसे सभी शामिल पक्षों के लिए अत्यधिक मूल्यवान संसाधन बनाता है।

 

‘ब्रेकिंग बैड’ के ऐक्टर मार्क मार्गोलिस का 83 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

अमेरिकी टीवी शो ‘ब्रेकिंग बैड’ और ‘बेटर कॉल शाउल’ के ऐक्टर मार्क मार्गोलिस का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। 1939 में फिलाडेल्फिया में जन्मे मार्गोलिस ने एक्टिंग करियर को बढ़ाने के लिए न्यूयॉर्क का रुख किया था। मार्क ने ‘स्कारफेस’, ‘ऐस वेंचुरा: पेट डिटेक्टिव’ और ‘ब्लैक स्वान’ जैसी फिल्मों के साथ-साथ एचबीओ सीरीज ‘ओज’ में सहायक भूमिकाओं के साथ एक चरित्र एक्टर के रूप में सफल करियर बनाया था। वर्ष 2012 में मार्क को ‘ब्रेकिंग बैड’ के लिए एमी के लिए नामांकित किया गया था।

 

बिहार के किन 49 रेलवे स्टेशनों का ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत होगा पुनर्विकास?

‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के पहले चरण में बिहार के 49 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा और 6 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए इसकी आधारशिला रखेंगे। इन स्टेशनों में लखमीनिया, सलौना, कहलगांव, नौगछिया, आरा, जहानाबाद, खगड़िया, मानसी, जयनगर, मधुबनी, जमालपुर, मुज़फ्फरपुर-ढोली, मुज़फ्फरपुर-जंक्शन, बिहार शरीफ, राजगीर, नरकटियागंज, बख्तियारपुर, बाढ़ व अन्य शामिल हैं।

 

गुजरात बीजेपी के महासचिव प्रदीपसिंह वाघेला ने अपने पद से दिया इस्तीफा

लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के प्रदेश महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदीप सिंह वाघेला राज्य में प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के बाद दूसरे ताकतवर नेता हैं। बता दें कि प्रदीपसिंह वाघेला गुजरात में बीजेपी संगठन में महासचिव का पद संभाल रहे थे। इस्तीफा देने के बाद प्रदीपसिंह वाघेला ने कहा, ‘हां, मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदीपसिंह वाघेला ने इस्तीफा देने की वजह निजी कारणों को बताया है।’

 

कौनसे 56 विरासत स्थल यूनेस्को के मुताबिक खतरे में हैं?

यूनेस्को की ‘वर्ल्ड हेरिटेज इन डेंजर’ लिस्ट में शामिल 56 स्थलों में वियना का ऐतिहासिक केंद्र (ऑस्ट्रिया), अबू मेना (मिस्र), सुमात्रा का उष्णकटिबंधीय वर्षावन विरासत (इंडोनेशिया), ओडेसा का ऐतिहासिक केंद्र (यूक्रेन) और कैलिफोर्निया की खाड़ी के द्वीप व संरक्षित क्षेत्र (मेक्सिको) शामिल हैं। इराक के अशूर (कलात शेरकत), हटरा और सामर्रा पुरातात्विक शहर भी इस सूची में हैं।

 

राजस्थान कैबिनेट ने राज्य में 19 नए ज़िलों के गठन को दी मंज़ूरी

राजस्थान कैबिनेट ने 19 नए ज़िलों के गठन को मंज़ूरी दी है जिसके बाद राज्य में कुल ज़िलों की संख्या 50 हो गई है। नए ज़िलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर व जयपुर (ग्रामीण), जोधपुर व जोधपुर (ग्रामीण) शामिल हैं। साथ ही सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभागों के गठन को भी मंज़ूरी दी गई है।

 

 

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Jio to Acquire Reliance Infratel for Rs 3,720 Crore_80.1

NAG और हेलिना: भारतीय सेना में नए शक्ति का संबोधन

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भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना में स्थानांतरित होने के लिए भारतीय निर्मित NAG एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) और हेलिना (ध्रुवास्त्र) मिसाइल सिस्टम का वैरिएंट ‘ध्रुवास्त्र’ परीक्षणों को पूरा करने के बाद स्थानांतरित किया जाएगा। NAG एटीजीएम और हेलिना (ध्रुवास्त्र) मिसाइल दोनों ही रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किए गए हैं और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित किए गए हैं। नाग सर्फेस-टू-एयर मिसाइल है और ध्रुवास्त्र एयर-टू-सर्फेस मिसाइल है।

NAG एटीजीएम के बारे में:

  • NAG, जिसे प्रॉसपिना भी कहते हैं, एक तृतीय पीढ़ी का एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है जिसमें फायर एंड फॉरगेट टॉप अटैक क्षमता होती है।
  • नाग एटीजीएम इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित किया गया है, जिसमें अग्नि, आकाश, त्रिशूल और पृथ्वी जैसे चार अन्य मिसाइल शामिल होते हैं।
  • नाग की चालू रेंज लगभग 4 किलोमीटर तक है और इसमें एक तंदुलव उच्च-विस्फोटक एंटी-टैंक (एचईएटी) वारहेड होता है।
  • नाग एटीजीएम की लंबाई लगभग 1.834 मीटर है, व्यास 0.158 मीटर है, और इसका वजन लगभग 44 किलोग्राम है।

हेलिना (ध्रुवास्त्र) के बारे में:

  • हेलिना एक एयर-टू-सर्फेस मिसाइल सिस्टम है जो एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) से चलाया जाता है।
  • एएलएच में दो ट्विन लॉन्चर लगे होते हैं, एक-एक प्रत्येक तरफ, जिनमें प्रत्येक आठ मिसाइल होती हैं।
  • इसकी चालू रेंज लगभग 7 किलोमीटर तक है और इसकी लंबाई 1.946 मीटर और व्यास 0.150 मीटर है।
  • इसमें एक हाई रेजोल्यूशन इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर (आईआईआर) है जो लॉक ऑन बिफ़ोर लॉन्च (एलओबीएल) मोड में काम करता है और अवसर्पूर्ण मौसम की स्थितियों में स्वचालित लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग करने में सक्षम है।

नोट: 2022 में, डीआरडीओ ने उपयोगकर्ता सत्यापन परीक्षणों के हिस्से के रूप में उच्च ऊंचाई वाले स्थानों पर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।

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Indian Army to now have common uniform for Brigadier and above ranks_100.1

केरल सरकार ने ‘शुभयात्रा’ नामक एक अभूतपूर्व योजना शुरू की

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केरल की राज्य सरकार ने ‘शुभयात्रा’ नामक एक अभूतपूर्व योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य केरल से पहली बार आने वाले विदेशी प्रवासियों को बहुत आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे एक सकारात्मक और उत्पादक प्रवासन पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा मिल सके।

₹2 लाख तक की वित्तीय सहायता, छह महीने के लिए कर अवकाश और आकर्षक ब्याज छूट के साथ, योजना का उद्देश्य पात्र उम्मीदवारों को विदेशी रोजगार से जुड़े आकस्मिक खर्चों को कवर करने में मदद करना है।

 

शुभयात्रा समाधान: आसान ऋण और वित्तीय सहायता

‘शुभयात्रा’ योजना इच्छुक विदेशी नौकरी चाहने वालों के सामने आने वाली वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करती है।

यह योजना ‘विदेशी रोजगार कौशल सहायक’ नामक एक आसान ऋण प्रदान करेगी जो प्रवासन के लिए प्रारंभिक खर्चों को कवर करती है। ऋण राशि प्राप्तकर्ता देश में उनके नियोक्ता द्वारा उम्मीदवार को दिए जाने वाले वेतन के समानुपाती होगी।

योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों के साथ सहयोग करेगी। ये बैंक पात्र उम्मीदवारों को आसान ऋण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

इसके अतिरिक्त, सरकार ब्याज छूट के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और ऋण के लिए छह महीने की कर अवकाश प्रदान करेगी।

 

वित्तीय आवंटन और पुनर्भुगतान

‘शुभयात्रा’ योजना के समर्थन में, केरल सरकार ने प्रवासियों को कर अवकाश और ब्याज छूट प्रदान करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में ₹2 करोड़ आवंटित किए हैं।

कर अवकाश और ब्याज छूट का उद्देश्य पहली बार प्रवासियों पर वित्तीय बोझ को कम करना और राज्य से उच्च गुणवत्ता वाले पेशेवर प्रवासन को बढ़ावा देना है।

सॉफ्ट लोन का लाभ उठाने वाले उम्मीदवारों को उधार ली गई राशि चुकाने के लिए तीन साल तक की छूट अवधि मिलेगी।

इस लचीली पुनर्भुगतान योजना से प्रवासियों के लिए संक्रमण को आसान बनाने और उन्हें तत्काल वित्तीय तनाव के बिना अपने विदेशी करियर में खुद को स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।

 

‘शुभयात्रा’ योजना: गुणवत्ता और आर्थिक विकास को बढ़ाना

‘शुभयात्रा’ योजना केरल से पेशेवर प्रवासन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। भारत में सबसे बड़ा प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्य के रूप में, केरल की अर्थव्यवस्था इसके प्रवासन इतिहास से निकटता से जुड़ी हुई है। इसलिए, राज्य से किफायती और गुणवत्तापूर्ण प्रवास के लिए एक अनुकूल और उत्पादक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना इसके निरंतर विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें

  • केरल के मुख्यमंत्री: पिनाराई विजयन

 

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विवादों के बीच टीएनपीसीबी अदाणी कट्टुपल्ली पोर्ट विस्तार पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा

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तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) तिरुवल्लूर जिले में अदानी समूह के कट्टुपल्ली बंदरगाह के प्रस्तावित विस्तार पर एक सार्वजनिक सुनवाई करने के लिए तैयार है। परियोजना, जिसकी शुरुआत में जनवरी 2021 में सुनवाई होनी थी, लेकिन COVID-19 के कारण इसमें देरी हुई, ने पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों के कड़े विरोध का सामना किया है। विस्तार का उद्देश्य व्यापक पुनर्ग्रहण के साथ बंदरगाह को एक बहुउद्देश्यीय कार्गो सुविधा में बदलना है, जिससे एन्नोर-पुलिकट बैकवाटर और भारत के सबसे बड़े खारे-पानी के पारिस्थितिक तंत्रों में से एक, पुलिकट झील पर इसके पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं।

 

विस्तार योजनाएँ और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन

अडानी समूह ने ₹53,031 करोड़ की अनुमानित लागत पर कट्टुपल्ली बंदरगाह की क्षमता का विस्तार करने के लिए 2019 में पर्यावरण मंजूरी के लिए आवेदन किया था। “कट्टुपल्ली पोर्ट के प्रस्तावित संशोधित मास्टर प्लान विकास” के अनुसार, विस्तार परियोजना में ट्रांसलोडिंग, बैकअप और स्वतंत्र पोर्ट क्राफ्ट सुविधाएं, अपशिष्ट रिसेप्शन सुविधाएं और कन्वेयर सिस्टम सहित विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं। बंदरगाह के क्षेत्र को वर्तमान 330 एकड़ से बढ़ाकर 6,111 एकड़ तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है, जिसमें लगभग 2,000 एकड़ को समुद्र में खोदी गई रेत को डंप करके पुनः प्राप्त किया जाएगा।

 

पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों का विरोध

पर्यावरण कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने इस परियोजना पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि विस्तार एन्नोर-पुलिकट बैकवाटर को एक औद्योगिक क्षेत्र में बदल देगा, जिससे स्थानीय मछुआरों की आजीविका के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। इसके अलावा, भारत में एक महत्वपूर्ण खारे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र, पुलिकट झील को संभावित नुकसान के बारे में चिंताएं व्यक्त की गई हैं। इसके अतिरिक्त, विस्तार तिरुवल्लुर में तटीय क्षरण को बढ़ा सकता है और कट्टुपल्ली बाधा द्वीप को प्रभावित कर सकता है, जो पुलिकट झील की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यावरण संगठनों ने चिंता व्यक्त की है कि इस परियोजना से चेन्नई में बाढ़ बढ़ सकती है क्योंकि यह कोसस्थलैयार नदी को अवरुद्ध कर सकती है, जो शहर की सबसे बड़ी बाढ़ जल निकासी प्रणाली के रूप में कार्य करती है।

 

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Steel Minister unveils new logo of NMDC_90.1

पद्म भूषण पुरस्कार विजेता एवं आईएएस अधिकारी एन विट्टल का निधन

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पद्म भूषण से सम्मानित और 1960 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी एन विट्टल का चेन्नई में निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व लोक सेवक एन. विट्ठल के निधन पर दुख व्यक्त किया है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री विट्ठल ने अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री मोदी ने विट्ठल के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

 

उनके अनुभवों के बारे में

40 से अधिक वर्षों के उनके अनुभव में औद्योगिक प्रशासन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के सचिव (1990-1996) के रूप में, उन्होंने सॉफ्टवेयर को बढ़ावा देने, सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित करने और उद्योग के साथ रणनीतिक गठबंधन के लिए नीतियां शुरू कीं। इससे अंततः सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) का गठन हुआ।

दूरसंचार आयोग के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में उदारीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की और राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 1994 को मंजूरी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई।

लोयोला कॉलेज, चेन्नई से रसायन विज्ञान ऑनर्स स्नातक विट्टल नैतिकता और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के प्रबल समर्थक थे। अपनी पुस्तक, करप्शन इन इंडिया – द रोडब्लॉक टू नेशनल प्रॉस्पेरिटी, की प्रस्तावना में वे कहते हैं, “भ्रष्टाचार राष्ट्र विरोधी, आर्थिक विकास विरोधी और गरीब विरोधी है। सीवीसी के रूप में, मैंने चार वर्षों तक नौकरशाही स्तर पर और परोक्ष रूप से राजनीतिक स्तर पर कब्जे का गहन अवलोकन किया था।”

 

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Padma Bhushan awardee and IAS officer N Vittal passes away_100.1

भारतीय स्टेट बैंक का मुनाफा 16,884 करोड़ हुआ

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दोगुना से अधिक बढ़कर 16,884 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में 6,068 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 1,08,039 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 74,989 करोड़ रुपये थी।

 

बैंक ने 95,975 करोड़ रुपये की ब्याज अर्जित की

जून तिमाही के दौरान बैंक ने 95,975 करोड़ रुपये की ब्याज आय अर्जित की, जो एक साल पहले इसी अवधि में 72,676 करोड़ रुपये थी। बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) जून के अंत में घटकर 2.76 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.91 प्रतिशत थीं।

इसी तरह शुद्ध एनपीए भी जून 2023 में घटकर 0.71 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले एक प्रतिशत था। एकीकृत आधार पर एसबीआई का शुद्ध लाभ भी दोगुना बढ़कर 18,537 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7,325 करोड़ रुपये रहा था।

 

पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 94,524 करोड़ रुपये

समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 1,32,333 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 94,524 करोड़ रुपये थी। तिमाही के दौरान बैंक ने अपने गैर-जीवन बीमा उद्यम एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में 489.67 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि आठ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में 82.16 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

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बाल देखभाल गृहों की निगरानी के लिए MASI पोर्टल : जानें सुविधाएँ और उद्देश्य

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने देश भर में बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और उनकी निरीक्षण प्रक्रिया की वास्तविक समय की निगरानी के लिए ‘MASI’ एप्लिकेशन विकसित किया है।

निर्बाध निरीक्षण के लिए निगरानी ऐप MASI : उद्देश्य

  • मॉनिटरिंग ऐप्प फॉर सीमलेस इंस्पेक्शन (MASI) के विकसित करने के पीछे का प्राथमिक उद्देश्य, नाबालिग न्याय अधिनियम, 2015 के तहत उपलब्ध बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) के लिए प्रभावी और कुशल निरीक्षण तंत्र की सुनिश्चित करना है।
  • ऐप का उद्देश्य बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी), राज्य निरीक्षण समितियों, जिला निरीक्षण समितियों, किशोर न्याय बोर्डों (जेजेबी) और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगों (एससीपीसीआर) सहित विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा प्रणाली की निगरानी को सिंक्रनाइज़ करना है।

सुविधाएँ और कार्यक्षमता

  • MASI एक एकल मंच के रूप में कार्य करता है जो पूरे देश में सभी सीसीआई की निरीक्षण को संभव बनाता है, जिससे उपरोक्त सभी प्राधिकरण एकीकृत निरीक्षण कर सकते हैं।
  • ऐप्लिकेशन को एक मॉनिटरिंग पोर्टल से जुड़ा गया है, जहां स्वचालित रिपोर्टें बनती हैं, जिससे सीसीआई के स्थिति के वास्तविक समय पर अपडेट किया जा सकता है।
  • निरीक्षण चक्र के पूर्ण होने से पहले और बाद में, बाल न्याय अधिनियम और इसके नियमों के अनुसार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित फॉलोअप किए जाते हैं।
  • एमएएसआई के निर्बाध कामकाज को एक प्रश्नावली द्वारा सुविधाजनक बनाया जाता है जिसे अधिकारी ऐप के माध्यम से भरते हैं और जमा करते हैं। प्रस्तुत करने पर, सिस्टम स्वचालित रूप से निगरानी पोर्टल पर पूरी रिपोर्ट उत्पन्न करता है, जो सीसीआई की स्थिति में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) की भूमिका

  • बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) एक स्वतंत्र संस्था है जो नाबालिग न्यायिक अधिनियम, 2015 के तहत स्थापित की गई है।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य ऐसे बच्चों से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है जो परित्यक्त हुए हैं, अनाथ हुए हैं, माता-पिता द्वारा स्वेच्छा से त्यागे गए हैं, या खो गए हैं और उन्हें देखभाल और ध्यान की आवश्यकता होती है।
  • सीडब्ल्यूसी उन बच्चों के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिनके विकास, संरक्षण, उपचार, संवर्धन और पुनर्वास से संबंधित मुद्दे होते हैं, उनकी आवश्यकता और उनके कल्याण की रक्षा सुनिश्चित करती है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य बातें

  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष: प्रियांक कानूनगो

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अब एक नवंबर से लागू होगा लैपटॉप के आयात पर लगा प्रतिबंध

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सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लगाई गई पाबंदी को टाल दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा। सरकार ने इंडस्ट्री की समस्याओं को देखते हुए यह फैसला किया है। इससे उद्योग को पर्याप्त समय मिल जाएगा। सरकार ने इस बैन को अब एक नवंबर 2023 से लागू किया जाएगा। कंपनियों को लाइसेंस के बिना इंपोर्ट कंसाइनमेंट को 31 अक्टूबर, 2023 तक क्लियर करना होगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी है।

 

इस वजह से टाला फैसला

सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लगाई गई पाबंदी को टाल दिया है। दरअसल कोरोना महामारी के दौरान जब लैपटॉप और कंप्यूटर की डिमांड बढ़ गई थी, उस समय इनकी ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई थी। इन सबसे दाम बढ़ गए थे। इस बार भी त्योहारों का समय नजदीक है। त्योहार आने वाले हैं। ऐसे में इन सब सामानों की मांग बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सरकार को डर है कि त्योहारों में बैन की वजह से कहीं फिर से लैपटॉप, टैबलेट आदि के दाम फिर से न बढ़ने लगे। इनकी ब्लैक मार्केटिंग का शुरू हो जाए। इन्हीं सब को देखते हुए सरकार ने बैन को अभी टाल दिया है।

 

सुरक्षा के तहत सरकार ने उठाया कदम

सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने का कदम इन विदेशी उपकरणों में सुरक्षा संबंधी खामियों से लैस आईटी हार्डवेयर से सुरक्षित रखने के इरादे से उठाया है। हार्डवेयर के बैकडोर और आईटी हार्डवेयर में सुरक्षा के लिए खतरनाक मालवेयर जैसी खामियों वाले लैपटॉप एवं टैबलेट का इस्तेमाल करना उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील निजी एवं कारोबारी जानकारी को खतरे में डाल सकता है।

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