भारत में शासन में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 14 सितम्बर 2025 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में महिलाओं के सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो दिवसीय इस सम्मेलन में सांसदों, नीतिगत विशेषज्ञों और सिविल सोसायटी के नेताओं ने राजनीति और सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी पर विचार-विमर्श किया। इस आयोजन की मेज़बानी संसदीय एवं विधायी समिति (महिला सशक्तिकरण) ने की।
सम्मेलन की मुख्य झलकियाँ
उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि समावेशी विकास तभी संभव है जब महिलाएँ राष्ट्रीय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी करें। उन्होंने जोर दिया कि महिलाओं का सशक्तिकरण केवल सामाजिक उद्देश्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय प्रगति की रणनीतिक प्राथमिकता है।
प्रमुख क्षण
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राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन ओम बिरला द्वारा
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विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन
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अवसर पर स्मारिका का विमोचन
विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण
अध्यक्ष बिरला के संबोधन का केंद्रीय विषय हाल ही में पारित वह ऐतिहासिक क़ानून रहा जिसके अंतर्गत संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता में महिलाओं को मिल रहे अवसरों के साथ मिलकर और अधिक प्रभावी और स्थायी परिणाम देगा।
सम्मेलन के व्यापक विषय
दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य रूप से समीक्षा की जा रही है:
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भारत में विधायी संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति
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कानून निर्माण में लैंगिक संवेदनशील नीतियों का कार्यान्वयन
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विभिन्न राज्यों और अन्य देशों के सर्वोत्तम अनुभव
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महिला विधायकों के सामने आने वाली चुनौतियाँ और संस्थागत सहयोग के सुझाव
सत्रों में विशेषज्ञ पैनल, महिला नेताओं के अनुभव और कानूनी व नीतिगत औज़ारों पर चर्चा शामिल है।
मुख्य तथ्य
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राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण सम्मेलन, तिरुपति
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उद्घाटन: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, 14 सितम्बर 2025
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राष्ट्रीय प्रगति में महिलाओं की समान भागीदारी पर जोर
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विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण कानून की चर्चा
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आयोजक: संसदीय एवं विधायी समिति (महिला सशक्तिकरण)


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