ओडिशा अब ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। राज्य में इस समय 450 इलेक्ट्रिक बसें (ई-बस) संचालित हो रही हैं और आने वाले वर्षों में बेड़े को दोगुना से अधिक करने की योजना है। यह पहल स्वच्छ परिवहन अभियान का हिस्सा है, जो भारत सरकार की सहायता योजनाओं के अनुरूप है और शहरी परिवहन को अधिक पर्यावरण–अनुकूल बनाने की दिशा में अहम कदम है।
भारत की ग्रीन मोबिलिटी तस्वीर: ओडिशा की स्थिति
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, भारत में वर्तमान में 14,329 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं:
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दिल्ली: 3,564 ई-बसें
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महाराष्ट्र: 3,296
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कर्नाटक: 2,236
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उत्तर प्रदेश: 850
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ओडिशा: 450
ओडिशा ने अपने पूर्वी पड़ोसी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है, जैसे:
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पश्चिम बंगाल (391)
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आंध्र प्रदेश (238)
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छत्तीसगढ़ (215)
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झारखंड (46)
ये आँकड़े बताते हैं कि पूर्वी भारत में सतत् मोबिलिटी (sustainable mobility) के मामले में ओडिशा अग्रणी है।
ई-बस संचालन के विस्तार की योजना
कैपिटल रीजन अर्बन ट्रांसपोर्ट (CRUT) एजेंसी ने ओडिशा की ई-मोबिलिटी पहल को आगे बढ़ाया है। वर्तमान में ई-बसें भुवनेश्वर, कटक और पुरी में चल रही हैं। अब सेवाओं का विस्तार इन शहरों तक होगा:
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संबलपुर
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झारसुगुड़ा
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क्योंझर
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बेरहामपुर
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अंगुल
लक्ष्य: 1,000 से अधिक ई-बसों का बेड़ा तैयार करना, जिससे शहरी परिवहन और अधिक स्वच्छ और कुशल बन सके।
अवसंरचना और यात्रियों के अनुभव में सुधार
बढ़ते बेड़े के लिए राज्य सरकार ये कदम उठा रही है:
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डिपो और टर्मिनलों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना।
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स्मार्ट टिकटिंग की शुरुआत, जिसमें शामिल हैं:
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क्यूआर-कोड भुगतान
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नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC)
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मोबाइल ऐप आधारित टिकट बुकिंग
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आवास एवं शहरी विकास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्रा ने कहा कि ये सुधार यात्रियों को सहज, सम्मानजनक और सुविधाजनक शहरी परिवहन अनुभव देने के लिए किए जा रहे हैं।


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