ओडिशा स्थित सार्वजनिक परिवहन सेवा, मो बस को कोविड-19 से दुनिया को बेहतर ढंग से उबरने में भूमिका और प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार दुनिया को कोविड-19 से बेहतर तरीके से उबरने में मदद करने के लिए 10 नवाचारों को मान्यता देते हैं और जीत हासिल करने वाली पहल बच्चों को सुरक्षित रखने, लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और पानी के नीचे जीवन की रक्षा करने में मदद करती है।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा बुधवार को आयोजित एक डिजिटल समारोह में ब्राजील, कनाडा, भारत, आयरलैंड, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड, सऊदी अरब, थाईलैंड और यूक्रेन की दस पहलों को प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कारों के साथ उनके अभिनव सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए मान्यता दी गई है।
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संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम के दौरान, 2022 के संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार विजेताओं की घोषणा संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के अवर महासचिव लियू जेनमिन द्वारा की गई ।
कैसे मिली ओडिशा को पहचान?
- संयुक्त राष्ट्र की मान्यता ने कहा कि “समस्या” यह थी कि “भुवनेश्वर शहर में बस सेवाओं में सुधार की आवश्यकता थी”, जिसके परिणामस्वरूप “अधिकांश लोगों ने सार्वजनिक परिवहन लेने के बजाय निजी वाहनों, दोपहिया और ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल किया।”
- इसके लिए “समाधान” के रूप में उभर कर आयी, साल 2018 में ओडिशा सरकार द्वारा शुरू की गयी “एक एकीकृत, विश्वसनीय और समावेशी सार्वजनिक बस सेवा प्रणाली प्रदान करने के लिए शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का पुनर्गठन” योजना। संयुक्त राष्ट्र ने नोट किया कि मो बस में “लाइव ट्रैकिंग, ट्रैवल प्लानर और ई-टिकटिंग जैसी रीयल-टाइम प्रौद्योगिकियों” को शामिल किया गया है, और ‘मो ई-राइड’ नामक एक ई-रिक्शा प्रणाली को फीडर सेवा के रूप में पेश किया गया है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- ओडिशा राजधानी: भुवनेश्वर;
- ओडिशा के मुख्यमंत्री: नवीन पटनायक;
- ओडिशा राज्यपाल: गणेशी लाल।