ओडिशा सरकार ने शहरी नवाचार और विकास को गति देने के उद्देश्य से एक दूरदर्शी पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम है ‘अंकुर’ (ANKUR – Atal Network for Knowledge, Urbanisation and Reforms)। यह पहल आवास और शहरी विकास विभाग (Housing and Urban Development – H&UD) द्वारा संचालित की जा रही है और इसका लक्ष्य है स्मार्ट, टिकाऊ और नागरिक-केंद्रित शहरों का निर्माण करना।
शहरी विकास के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा
बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में ‘अंकुर’ की शुरुआत के साथ छह प्रमुख संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। ये संगठन शहरी विकास की पारिस्थितिकी में अहम भूमिका निभाते हैं। यह ऐतिहासिक क्षण आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री कृष्ण चंद्र महापात्र की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
मंत्री महापात्र ने कहा, “अंकुर केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक सामूहिक संकल्प है – ऐसे शहरों के निर्माण का जो कुशल, स्मार्ट और नागरिकों की आवश्यकताओं के केंद्र में हों। यह विकसित ओडिशा की ओर एक आंदोलन है, जिसे समुदायों, संस्थाओं और सरकार ने मिलकर रचा है।”
‘अंकुर’ की उत्पत्ति: विचार, संवाद और साझेदारी का परिणाम
प्रमुख सचिव श्रीमती उषा पधे ने बताया कि ‘अंकुर’ किसी एक प्रेरणा से नहीं, बल्कि समय के साथ बढ़ती उस समझ से उपजा है कि ओडिशा के तेजी से होते शहरीकरण को संभालने के लिए नई सोच, नई साझेदारी और नए प्लेटफ़ॉर्म की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में विभाग ने देश-विदेश के शहरी विशेषज्ञों और संस्थानों से संवाद किया और इससे एक स्पष्ट दृष्टिकोण उभरा – सह-निर्माण, नवाचार और संस्थागत सहयोग पर आधारित ओडिशा का शहरी भविष्य।
तेजी से बढ़ती शहरी जनसंख्या: एक चुनौती और अवसर
ओडिशा की शहरी जनसंख्या 2036 तक तीन गुना बढ़ने की संभावना है। ऐसे में ‘अंकुर’ को एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में डिज़ाइन किया गया है, ताकि इन जनसांख्यिकीय बदलावों का सकारात्मक उत्तर दिया जा सके।
अंकुर के लक्ष्य हैं:
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जलवायु और आधारभूत दबावों के प्रति लचीला शहरी ढांचा
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निवासयोग्य और नागरिक-कल्याण केंद्रित शहर
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भविष्य के लिए तैयार स्मार्ट शहर
‘विकसित भारत @2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण से जुड़ाव
‘अंकुर’ की एक विशेषता यह है कि यह भारत सरकार की ‘विकसित भारत @2047’ योजना से जुड़ा हुआ है। यह पहल ओडिशा की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, लेकिन इसका उद्देश्य देशव्यापी शहरी सुधारों में योगदान देना है।
‘अंकुर’ के चार रणनीतिक स्तंभ
प्रमुख सचिव उषा पधे ने बताया कि ‘अंकुर’ को चार प्रमुख रणनीतिक स्तंभों पर आधारित किया गया है:
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क्षमता निर्माण (Capacity Building)
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शहरी विकास क्षेत्र की संस्थाओं और व्यक्तियों को सशक्त बनाना
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प्रशिक्षण कार्यक्रमों और नेतृत्व विकास पहल का संचालन
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ज्ञान और अनुसंधान (Knowledge & Research)
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शहरी ज्ञान के निर्माण और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना
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ओपन-सोर्स डेटा, केस स्टडी और नीति सारांश का निर्माण
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कार्यान्वयन सहयोग (Implementation Support)
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शहरों और नगरपालिकाओं को तकनीकी और रणनीतिक सहायता प्रदान करना
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नीतियों और अवसंरचना परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद करना
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नवाचार (Innovation)
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शहरी नवाचार लैब्स और हैकाथॉन का आयोजन
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स्थानीय शहरी समस्याओं के लिए पायलट परियोजनाओं के माध्यम से समाधान विकसित करना
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शहरी विकास के लिए दस वर्षीय दृष्टिकोण
‘अंकुर’ कोई अल्पकालिक योजना नहीं है, बल्कि यह दशक भर की संस्थागत प्रतिबद्धता है। इसका उद्देश्य नवाचार को बनाए रखना, सुधारों को संस्थागत बनाना और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देना है।
यह मंच सरकार, अकादमिक संस्थानों, गैर-लाभकारी संगठनों, शहरी थिंक टैंकों और निजी क्षेत्र को साझे रूप में समाधान तैयार करने का अवसर देगा।


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