ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया, जिसमें कुल व्यय ₹2.90 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है। 17 फरवरी 2025 को प्रस्तुत यह बजट कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर केंद्रित है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पिछले वर्ष (2024-25) के ₹2.65 लाख करोड़ के बजट से अधिक है, जिससे राज्य सरकार की आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता साफ झलकती है। यह भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत पहला पूर्ण बजट है, जो पिछले साल सत्ता में आई थी।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ₹37,838 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष (₹33,919 करोड़) की तुलना में 12% अधिक है। चूंकि ओडिशा की 48% आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है और 80% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, इसलिए यह बजट सीधे किसानों के जीवन को प्रभावित करेगा।
राज्य सरकार ने कृषि में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए नई योजनाओं का प्रस्ताव रखा है। हालांकि इन परियोजनाओं की वित्तीय जानकारी अभी स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन बजट में सिंचाई अवसंरचना (Irrigation Infrastructure) को बेहतर बनाने की जरूरत को रेखांकित किया गया है। इससे किसानों को सिंचाई की समस्या से राहत मिलेगी और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
कृषि और सिंचाई के साथ-साथ ओडिशा सरकार ने डेयरी किसानों को भी आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना:
डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹164 करोड़ का आवंटन किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और डेयरी किसानों को आवश्यक वित्तीय एवं अवसंरचनात्मक सहायता प्रदान करना है।
2024-25 में ओडिशा सरकार ने ₹2.65 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था, जिसमें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए ₹33,919 करोड़ आवंटित किए गए थे। 2025-26 के बजट में कुल व्यय में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में। इससे यह साफ है कि सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और ग्रामीण आबादी को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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