भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) ने गुरुवार को ‘फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसमिशन ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स’ (Fast and Secured Transmission of Electronic Records’ – FASTER) का अनावरण किया, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जो सर्वोच्च न्यायालय को एक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक चैनल के माध्यम से उपयुक्त अधिकारियों को अंतरिम आदेश, स्टे ऑर्डर और जमानत आदेश भेजने की अनुमति देता है। FASTER कार्यक्रम के ऑनलाइन परिचय में CJI रमना, जस्टिस एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता के साथ-साथ उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों ने भाग लिया।
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प्रमुख बिंदु:
- CJI ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से अदालती आदेशों को जल्दी और सुरक्षित रूप से संप्रेषित करने के लिए सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, एक ऐसा उपाय जो न्यायिक आदेश संचरण में सहायता करेगा।
- उन्होंने बाहरी पक्षों द्वारा छेड़छाड़ किए बिना उच्च न्यायालयों द्वारा जारी किए गए अदालती आदेशों को सुरक्षित रूप से संप्रेषित करने के महत्व पर जोर दिया।
- पहल ‘फास्टर’ तब शुरू की गई थी जब सीजेआई रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कानूनी आदेशों की गैर-प्राप्ति या गैर-सत्यापन जैसे कारणों का हवाला देते हुए, जमानत दिए जाने के बाद भी दोषियों की रिहाई में देरी का स्वत: संज्ञान लिया।
- सुप्रीम कोर्ट की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रजिस्ट्री ने एनआईसी के साथ साझेदारी में युद्धस्तर पर फास्टर सिस्टम बनाया।
यह प्रणाली भारत के सभी जिलों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए अब तक विभिन्न स्तरों पर 73 नोडल अधिकारियों का चयन किया गया है। एक सुरक्षित नाली का निर्माण कर सभी नोडल अधिकारियों को एक विशिष्ट न्यायिक संचार नेटवर्क जेसीएन के माध्यम से जोड़ा गया है।
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