एनटीपीसी, जो भारत की प्रमुख पावर कंपनी है, ने बिहार में एक न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना का अनावरण किया है। यह कदम एनटीपीसी की ऊर्जा पोर्टफोलियो को विविध बनाने की रणनीति का हिस्सा है। इस पहल का उद्देश्य गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता का विस्तार करना और देश की भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, गुरदीप सिंह ने अगले कुछ दशकों में ऊर्जा क्षेत्र के लिए न्यूक्लियर एनर्जी के महत्व को रेखांकित किया और एनटीपीसी तथा बिहार दोनों के लिए इस परियोजना के संभावित लाभों पर प्रकाश डाला।
मुख्य बिंदु
एनटीपीसी की न्यूक्लियर योजना:
एनटीपीसी ने बिहार में न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना व्यक्त की है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी ने राज्य सरकार से भूमि आवंटन की मांग की है।
न्यूक्लियर ऊर्जा का भविष्य:
एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने कहा कि अगले 20-30 वर्षों में न्यूक्लियर ऊर्जा ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे एनटीपीसी न्यूक्लियर एनर्जी के बढ़ते क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगी।
संयुक्त उद्यम भागीदारी:
यह परियोजना एनटीपीसी के संयुक्त उद्यम “अनुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड” (ASHVINI) द्वारा समर्थित है। ASHVINI में एनटीपीसी की हिस्सेदारी 49% और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) की हिस्सेदारी 51% है। ASHVINI भारत में न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने, स्वामित्व रखने और संचालित करने के लिए अधिकृत है।
अध्ययन और योजना:
आगे बढ़ने से पहले, एनटीपीसी बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा।
विविध अक्षय ऊर्जा रुचि:
न्यूक्लियर ऊर्जा के अलावा, एनटीपीसी बिहार में रूफटॉप सोलर, ग्राउंड-माउंटेड सोलर, फ्लोटिंग सोलर, पंप स्टोरेज, और बैटरी स्टोरेज समाधान जैसे अक्षय ऊर्जा विकल्पों का भी पता लगा रहा है।
कंपनी का लक्ष्य 2032 तक अपने 60,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा लक्ष्य में बिहार का प्रमुख हिस्सा शामिल करना है।
बिहार में स्थापित क्षमता:
एनटीपीसी की बिहार में मौजूदा स्थापित क्षमता 8,850 मेगावाट है, जिसमें लगभग 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
बैटरी स्टोरेज योजना:
एनटीपीसी बिहार में 3,000-4,000 मेगावाट घंटे की बैटरी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने की भी योजना बना रहा है, जिससे ऊर्जा भंडारण क्षमताओं में सुधार होगा और स्थिर और विश्वसनीय बिजली प्रदान की जा सकेगी।
एनपीजीसीएल का पावर प्रोजेक्ट:
एनटीपीसी की सहायक कंपनी, नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (NPGCL), बिहार में 2,400 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
एनटीपीसी की कुल क्षमता:
वर्तमान में, एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 76,531 मेगावाट है, जिसमें थर्मल, सोलर, विंड और अन्य ऊर्जा उत्पादन स्रोत शामिल हैं।
सारांश/स्थिर | विवरण |
समाचार में क्यों? | एनटीपीसी बिहार में न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करेगा, सीएमडी गुरदीप सिंह ने घोषणा की। |
एनटीपीसी की योजना | बिहार में न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करना। |
सरकारी अनुरोध | एनटीपीसी ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार से भूमि की मांग की है। |
न्यूक्लियर ऊर्जा का महत्व | भारत के ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य (अगले 20-30 वर्षों) में न्यूक्लियर ऊर्जा की भूमिका पर जोर। |
संयुक्त उद्यम | एनटीपीसी का ASHVINI में 49% हिस्सा, जो NPCIL (51%) के साथ मिलकर न्यूक्लियर प्लांट्स बनाएगा। |
अध्ययन योजना | न्यूक्लियर परियोजना को शुरू करने से पहले एनटीपीसी एक अध्ययन करेगा। |
अक्षय ऊर्जा परियोजनाएँ | एनटीपीसी बिहार में सोलर, रूफटॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर, पंप स्टोरेज, और बैटरी ऊर्जा भंडारण की खोज कर रहा है। |
अक्षय ऊर्जा लक्ष्य | 2032 तक बिहार में 60,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य। |
बिहार में स्थापित क्षमता | बिहार में एनटीपीसी की 8,850 मेगावाट की स्थापित क्षमता है, जिसमें 80,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। |
बैटरी स्टोरेज योजना | एनटीपीसी बिहार में 3,000-4,000 मेगावाट घंटे की बैटरी स्टोरेज प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा है। |
एनपीजीसीएल का प्रोजेक्ट | नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (NPGCL) बिहार में 2,400 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। |
एनटीपीसी की कुल क्षमता | एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 76,531 मेगावाट है, जिसमें थर्मल, सोलर, विंड आदि शामिल हैं। |