भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने उन डिफॉल्टरों से पैसे की वसूली के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। यह समिति उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी जिसे नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (National Spot Exchange Limited – NSEL) से मनी डिक्री प्राप्त है। NSEL पहले ही डिफॉल्टरों के ख़िलाफ़ 3,534 करोड़ रुपये के डिक्री और आर्बिट्रेशन अवार्ड हासिल कर चुकी है। इसके अलावा, बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा 760 करोड़ रुपये की देनदारियों को पहले ही अलग-थलग किया जा चुका है।
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एन.के. प्रोटीन के ख़िलाफ़ 964 करोड़ रुपये डिक्री की कार्यवाही बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है। साल 2013 में, NSEL में निवेशकों और व्यापारियों को लगभग 5,600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जब एक्सचेंज ने अचानक व्यापार बंद कर दिया, जिससे कई चूक हो गईं। दो डिफॉल्टरों ने पहले ही 196 करोड़ रुपये की अपनी देनदारियों का भुगतान कर दिया है। दावों की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति करेगी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति पूरे भारत में MPID अधिनियम और प्रवर्तन निदेशालय के तहत महाराष्ट्र सरकार द्वारा संलग्न संपत्तियों की बिक्री की देखरेख करेगी।