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एनपीसीआई का अधिशेष वित्त वर्ष 2024-25 में ₹1,500 करोड़ के पार, राजस्व ₹3,270 करोड़ तक पहुँचा

भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की रीढ़ मानी जाने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 42% की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ ₹1,552 करोड़ का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ (जिसे ‘सरप्लस’ कहा जाता है) दर्ज किया है। ICRA द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में एनपीसीआई की राजस्व आय 19% बढ़कर ₹3,270 करोड़ तक पहुँच गई। यह वृद्धि देश में यूपीआई, आईएमपीएस और रूपे जैसे प्रमुख पेमेंट प्लेटफॉर्म्स के प्रभावी प्रबंधन और डिजिटल लेनदेन की तेज़ी से बढ़ती मांग को दर्शाती है, जिससे एनपीसीआई की केंद्रीय भूमिका और मजबूत हुई है।

क्यों है यह ख़बर में?

एनपीसीआई (NPCI) के वित्त वर्ष 2024-25 के वित्तीय नतीजों में उल्लेखनीय लाभ और राजस्व वृद्धि दर्ज की गई है।
सरप्लस ₹1,552 करोड़ तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 42% की बढ़ोतरी दर्शाता है।
राजस्व ₹3,270 करोड़ को पार कर गया, जो देश में यूपीआई लेनदेन की बढ़ती मात्रा को दर्शाता है।

ये आँकड़े ऐसे समय सामने आए हैं जब यूपीआई इकोसिस्टम पर टिकाऊपन (sustainability), बार-बार होने वाली तकनीकी समस्याओं (outages), और फिनटेक कंपनियों द्वारा एमडीआर (MDR) की मांग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

पृष्ठभूमि और संरचना
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा की गई थी।
यह एक गैर-लाभकारी संस्था (not-for-profit organisation) के रूप में पंजीकृत है और अपने वित्तीय विवरणों में “लाभ” को “सरप्लस” कहा जाता है।
भारत के प्रमुख बैंकों के संघ के स्वामित्व में है।
NPCI भारत में डिजिटल भुगतान के लिए केंद्रीय बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।

मुख्य कार्य
NPCI निम्नलिखित प्रमुख भुगतान प्लेटफॉर्म का संचालन करता है:

  • UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस)

  • IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस)

  • AePS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली)

  • NACH (नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस)

  • RuPay कार्ड नेटवर्क

इसके अतिरिक्त, NPCI दो प्रमुख सहायक कंपनियों का प्रबंधन करता है:

  • NIPL (NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड) – वैश्विक स्तर पर NPCI प्लेटफॉर्म का विस्तार

  • NBBL (NPCI भारत बिलपे लिमिटेड) – डिजिटल बिल भुगतान का एग्रीगेटर

वित्तीय वर्ष 2024–25 की प्रमुख बातें (ICRA के अनुसार अनंतिम आंकड़े)

  • स्टैंडअलोन नेट सरप्लस: ₹1,552 करोड़ (FY24 में ₹1,095 करोड़) → 42% की वृद्धि

  • राजस्व: ₹3,270 करोड़ (FY24 में ₹2,749 करोड़) → 19% की वृद्धि

  • अंतिम ऑडिटेड आंकड़े CAG द्वारा बाद में जारी किए जाएंगे।

UPI इकोसिस्टम और प्रदर्शन

  • भारत के कुल डिजिटल लेनदेन का 85% से अधिक हिस्सा UPI के माध्यम से होता है।

  • प्रतिदिन के लेनदेन: 600–650 मिलियन

  • मई 2025: 18+ अरब लेनदेन, कुल मूल्य ₹25 लाख करोड़

  • UPI अब वैश्विक स्तर पर Visa को दैनिक लेनदेन में पीछे छोड़ने के करीब है।

चुनौतियाँ और विवाद

  • फिनटेक कंपनियाँ UPI लेनदेन के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) की मांग कर रही हैं ताकि मॉडल टिकाऊ बन सके।

  • सरकार ने ‘शून्य MDR’ नीति को बनाए रखा है ताकि डिजिटल भुगतान को अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

  • हाल के महीनों में UPI आउटेज की कई घटनाएँ हुईं, जिससे उपयोगकर्ताओं में असंतोष देखा गया।

RuPay की प्रगति

  • डेबिट कार्ड बाजार में 80% से अधिक हिस्सेदारी RuPay की है।

  • अब RuPay क्रेडिट कार्ड को भी UPI से जोड़ा जा सकता है, जिससे इसका उपयोग Visa और Mastercard की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है।

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