इस साल बेन एस. बर्नानके, डगलस डब्ल्यू. डायमंड और फिलिप एच. डायबविग को बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। समिति ने कहा कि तीनों पुरस्कार विजेताओं ने विशेष रूप से वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया है। उनके शोध में एक महत्वपूर्ण खोज यह है कि बैंक के पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है। अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले को एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग नौ लाख अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार 10 दिसंबर को विजेताओं को दिए जाएंगे।
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नोबेल की घोषणा के अनुसार, मॉर्डन बैंकिंग रिसर्च यह दिखाती है कि हमारे पास बैंक क्यों हैं, उन्हें संकटों में कैसे कम संवेदनशील बनाया जाए और कैसे बैंक का पतन वित्तीय संकटों को बढ़ा देता है। इस शोध की नींव 1980 के दशक की शुरुआत में बेन बर्नानके, डगलस डायमंड और फिलिप डायबविग ने रखी थी। अन्य नोबेल पुरस्कारों के विपरीत, अर्थशास्त्र के पुरस्कार का उल्लेख अल्फ्रेड नोबेल की 1895 की वसीयत में नहीं था, बल्कि यह पुरस्कार उनकी स्मृति में स्वीडिश केंद्रीय बैंक ने की थी।
पुरस्कार का पहला विजेता
इस पुरस्कार का पहला विजेता 1969 में चुना गया था। साल 2021 में अर्थशास्त्र का नोबेल डेविड कार्ड तथा जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इंबेन्स को दिया गया था। कार्ड को यह पुरस्कार अपने शोध, ‘न्यूनतम मजदूरी, आप्रवासन और शिक्षा कैसे श्रम बाजार को प्रभावित करते हैं’, के लिए मिला था। वहीं एंग्रिस्ट और इंबेन्स को पुरस्कार उन विषयों पर अध्ययन के लिए दिया गया, जो पारंपरिक वैज्ञानिक तरीकों से स्पष्ट नहीं होते हैं।