नीति आयोग ने ‘भारत में शहरी नियोजन क्षमता में सुधार’ शीर्षक से एक रिपोर्ट शुरू की है जो भारत में शहरी नियोजन क्षमता को बढ़ाने के उपाय प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट 16 सितंबर, 2021 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार (Rajiv Kumar), सीईओ श्री अमिताभ कांत (Amitabh Kant) और विशेष सचिव डॉ के राजेश्वर राव (Dr K. Rajeswara Rao) द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई थी।
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रिपोर्ट के बारे में:
- रिपोर्ट में कई सिफारिशें की गई हैं जो भारत में शहरी नियोजन क्षमता की मूल्य श्रृंखला में बाधाओं को दूर कर सकती हैं। उनमें से कुछ में स्वास्थ्य की योजना के लिए प्रोग्रामेटिक इंटरवेंशन, शहरी शासन की री-इंजीनियरिंग, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट का संशोधन शामिल है।
- रिपोर्ट बताती है कि हर शहर को 2030 तक ‘सभी के लिए स्वस्थ शहर (Healthy City for All)’ बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
- रिपोर्ट में 5 साल की अवधि के लिए ‘500 स्वस्थ शहर कार्यक्रम (500 Healthy Cities Programme)’ नामक केंद्रीय क्षेत्र की योजना की भी सिफारिश की गई है। इस प्राथमिकता के तहत राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा संयुक्त रूप से शहरों और कस्बों का चयन किया जाएगा।
शहरी नियोजन क्या है:
शहरी नियोजन शहरों, नागरिकों और पर्यावरण के एकीकृत विकास की नींव है। दुर्भाग्य से, अब तक इसमें उचित ध्यान दिया गया है। मौजूदा शहरी नियोजन और शासन ढांचा जटिल है, जो अक्सर अस्पष्टता और जवाबदेही की कमी की ओर ले जाता है।