भारत में नकली दवाओं की बढ़ती समस्या से लड़ने के लिए, नीति आयोग और ओरेकल ने ब्लॉकचैन वितरित खाताधारक और इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) सॉफ्टवेयर का उपयोग करके वास्तविक दवा आपूर्ति श्रृंखला का संचालन करने के लिए एक आशय का कथन (SoI) पर हस्ताक्षर किए. अपोलो अस्पताल और स्ट्रिड्स फार्मा साइंसेज इस प्रयास में भागीदार होंगे.
अपोलो अस्पताल और स्ट्रिड्स फार्मा के साथ ओरेकल और निति अयोग की साझेदारी के साथ यह समझौता, यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि नकली दवा के वितरण को समाप्त करने में मदद के लिए भारतीय दवा निर्माताओं और हेल्थकेयर विशेषज्ञों के पास मानक-आधारित, आधुनिक प्रौद्योगिकी मंच- ब्लॉकचेन और IoT तक पहुंच है.
दवा आपूर्ति श्रृंखला में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के बारे में:
ब्लॉकचेन तकनीक, निर्माता की दवा आपूर्ति श्रृंखला (सीरियल नंबर, लेबलिंग, स्कैनिंग) में एक दवा के रिकॉर्ड को स्थायी रूप से पंजीकृत करने में मदद करती है, जिससे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती है.



मेटा इंडिया ने अमन जैन को सार्वजनिक नीति...
Year Ender 2025: भारत में प्रमुख संवैधान...
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा क्षे...

