एनआईपीसीसीडी ने 29 से 31 मई, 2023 तक मिशन वात्सल्य पर एक पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एनआईपीसीसीडी क्षेत्रीय केंद्र, मोहाली में किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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कार्यक्रम में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा शामिल थी:
- वैधानिक निकायों के कामकाज में सुधार
- सेवा वितरण सेवाओं को सुदृढ़ करें
- अपस्केल इंस्टीट्यूशनल केयर/सेवाएं गैर-अंतर्ज्ञानी समुदाय आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करती हैं
- कर्तव्य धारकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
मिशन वात्सल्य के बारे में
यह अंतिम उपाय के रूप में ‘बच्चों के संस्थागतकरण के सिद्धांत’ के आधार पर कठिन परिस्थितियों में बच्चों की परिवार-आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को बढ़ावा देता है।
वर्ष 2009 से पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए तीन योजनाएँ लागू की गई थीं –
1. बच्चों के साथ-साथ देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए किशोर न्याय कार्यक्रम
2. स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए एकीकृत कार्यक्रम
3. बाल गृह सहायता योजना
वर्ष 2010 में इन तीनों योजनाओं को एक योजना में मिला दिया गया जिसे समेकित बाल संरक्षण योजना के नाम से जाना जाता है।
वर्ष 2017 में इसका नाम बदलकर “बाल संरक्षण सेवा योजना” कर दिया गया और वर्ष 2021-22 में इसे भी बदलकर मिशन वात्सल्य कर दिया गया।
इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है।
राष्ट्रीय जन सहयोग और बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) के बारे में
- यह एक स्वायत्त संगठन है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में कार्य करता है।
- इसका उद्देश्य बाल विकास के बारे में व्यापक दृष्टिकोण रखना और बच्चों के लिए राष्ट्रीय नीति के अनुसरण में कार्यक्रमों को विकसित करना और बढ़ावा देना है।