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अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्या बाई होलकर नगर रखा गया

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महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले को अब अहिल्याबाई होलकर नगर के नाम से जाना जाएगा। सीएम एकनाथ शिंदे ने जिले के नाम को बदलने का एलान किया। 31 मई को अहिल्याबाई होलकर की जयंती है। इसी मौके पर सीएम शिंदे ने जिले के नाम को बदलने का एलान कर दिया। जिले का नाम बदलने की मांग लगातार की जा रही थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 31 मई को एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 1767-1795 तक शासन करने वाली मालवा राज्य की महान रानी की याद में अहमदनगर जिले का नाम बदलकर ‘अहिल्यादेवी होल्कर नगर’ किया जाएगा।

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हाल ही में औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद का नाम बदलकर ‘धाराशिव’ किया गया था। बता दें कि इंदौर हवाईअड्डे का नाम ‘देवी अहिल्याबाई होलकर हवाईअड्डा’ रखा गया है, उनके नाम पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र (सोलापुर) में दो विश्वविद्यालयों का नाम रखा गया है। उनकी स्मृति में कई सड़कों, इमारतों, सार्वजनिक स्थानों का नामकरण किया गया है।

 

कौन थीं अहिल्याबाई होलकर?

अहिल्यादेवी होलकर (1725-1795) का जन्म अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक मराठी परिवार में हुआ था और बाद में मालवा राज्य की रानी बन गईं (1767 से उनकी मृत्यु तक)। बचपन से ही उनके भीतर लोगों की मदद करने की ललक थी। गम उम्र में उनकी शादी खंडेराव के साथ कर दी गई। 1733 में उनकी शादी हुई थी। 1754 में खंडेराव युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। बाद में अहिल्यादेवी को होलकर साम्राज्य की कमान सौंप दी गई। उन्हे भारत के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ रानियों में से एक माना जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में कई धर्मशालाएं बनाने का श्रेय अहिल्या बाई होलकर को जाता है। 13 अगस्त 1795 में उन्होंने आखिरी सांस ली।

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FAQs

अहमदनगर क्यों प्रसिद्ध है?

अहमदनगर राज्य का सबसे बड़ा जिला है। यह 19 चीनी कारखानों का घर है और सहकारी आंदोलन का जन्मस्थान भी है। चीनी, दूध और बैंक सहकारी समितियाँ यहाँ फलती-फूलती हैं।