नवंबर महीने में 9 राज्यों में महंगाई दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक रही है। नवंबर में जहां औसत भारतीय ग्राहकों की आजीविका की लागत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.55 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं ओडिशा में यह 7.65 प्रतिशत राजस्थान में 6.99 प्रतिशत, हरियाणा में 6.78 प्रतिशत बढ़ी है।
बिहार, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी महंगाई दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है और इन राज्यों में कीमतों में बढ़ोतरी 5.56 प्रतिशत से 6.54 प्रतिशत के बीच रही है। भारत की कुल मिलाकर महंगाई दर सभी विकसित देशों की तुलना में ज्यादा है। अक्टूबर में ब्रिटेन में महंगाई दर 4.6 प्रतिशत, अमेरिका में 3.2 प्रतिशत रही है, वहीं जापान में यह 3.3 प्रतिशत थी।
फ्रांस में 3.8 प्रतिशत बढ़ी
जर्मनी में कीमत 2.3 प्रतिशत और फ्रांस में 3.8 प्रतिशत बढ़ी है। जापान को छोड़कर अन्य सभी विकसित देशों में महंगाई दर में अक्टूबर में कमी आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।
मसालों की महंगाई में वृद्धि
मसालों की महंगाई में सालाना आधार पर 21.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके अलावा दाल और उसके उत्पादों में 20.23 प्रतिशत, सब्जियों में 17.7 प्रतिशत और फलों की महंगाई में 10.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अनाज और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 10.27 प्रतिशत रही। हालांकि, तेल और वसा के खुदरा दाम में 15 प्रतिशत की गिरावट आई।
ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत रही, जबकि शहरी केंद्रों में यह 5.26 प्रतिशत रही। इससे महंगाई का राष्ट्रीय औसत 5.55 प्रतिशत रहा। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। उसे दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ इसे चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
महंगाई ओड़िशा में सबसे ज्यादा
आरबीआई ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में उपभोक्ता मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। राज्यों में महंगाई ओड़िशा में सबसे ज्यादा 7.65 प्रतिशत रही। इसके अलावा, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से अधिक रही।