भारत सरकार ने 1 अगस्त 2025 को देशभर में सात पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्कों को अंतिम रूप देने की घोषणा की। ₹4,445 करोड़ की सात वर्षों (2027-28 तक) की निवेश योजना के साथ यह महत्वाकांक्षी परियोजना ₹70,000 करोड़ तक के निवेश को आकर्षित करने और करीब 20 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह कदम भारत को वैश्विक कपड़ा उद्योग में अग्रणी बनाने के मिशन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
PM MITRA पार्क की मेज़बानी करने वाले सात राज्य
फाइबर से फैब्रिक और फैशन तक भारत की कपड़ा मूल्य शृंखला को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुरू की गई पीएम मित्रा योजना के तहत निम्नलिखित राज्यों में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे:
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तमिलनाडु (विरुधुनगर)
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तेलंगाना (वारंगल)
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गुजरात (नवसारी)
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कर्नाटक (कलबुर्गी)
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मध्य प्रदेश (धार)
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उत्तर प्रदेश (लखनऊ)
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महाराष्ट्र (अमरावती)
इन पार्कों का उद्देश्य पूरे कपड़ा पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत करना है, जिसमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा, लॉजिस्टिक्स, और कौशल विकास सुविधाएं शामिल होंगी।
रोज़गार और निवेश लक्ष्य
इस योजना के माध्यम से लगभग 20 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर सृजित करने और ₹70,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करने की योजना है। ये पार्क न केवल कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देंगे, बल्कि मेक इन इंडिया मिशन को मज़बूती देंगे और आयात पर निर्भरता कम करेंगे।
समर्थ योजना: कपड़ा क्षेत्र के लिए कौशल निर्माण
PM मित्रा योजना के साथ-साथ सरकार समर्थ योजना (Scheme for Capacity Building in Textiles Sector) भी चला रही है, जिसका उद्देश्य है:
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मांग-आधारित, नियुक्ति उन्मुख कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाना,
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यह योजना स्पिनिंग और वीविंग को छोड़कर कपड़ा मूल्य शृंखला के सभी क्षेत्रों को कवर करती है।
हरियाणा में वर्तमान में 26 कार्यान्वयन भागीदारों के माध्यम से 80 सक्रिय प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हैं, जो प्रवेश-स्तरीय प्रशिक्षण तथा अपस्किलिंग / री-स्किलिंग कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं।
इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कपड़ा उद्योग को घरेलू एवं निर्यात बाजार की मांगों के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन आसानी से उपलब्ध हो सके।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार
सरकार निर्यात संवर्धन परिषदों और व्यापार संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, ताकि वे निम्नलिखित गतिविधियों को अंजाम दे सकें:
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व्यापार मेलों और खरीदार-विक्रेता बैठकों का आयोजन एवं उनमें भागीदारी,
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भारतीय वस्त्र एवं परिधानों का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन,
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और वैश्विक बाज़ार में भारत की कपड़ा उपस्थिति को सुदृढ़ करना।
नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल्स मिशन (NTTM)
PM मित्रा और समर्थ योजना के अतिरिक्त, सरकार नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल्स मिशन (NTTM) भी चला रही है, जिसकी कुल लागत ₹1,480 करोड़ है (2020-21 से 2025-26 तक)। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य तकनीकी वस्त्रों (Technical Textiles) को बढ़ावा देना है — यानी वे उच्च-प्रदर्शन वाले कपड़े जो रक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और कृषि जैसे क्षेत्रों में उपयोग होते हैं। यह मिशन भारत में तकनीकी वस्त्रों में नवाचार (Innovation) और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है, जो देश में तेज़ी से उभरता हुआ क्षेत्र बनता जा रहा है।


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