भारत के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (Net Direct Tax Collection) में वर्ष-दर-वर्ष 7% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 1 अप्रैल से 10 नवंबर 2025 की अवधि में ₹12.92 लाख करोड़ तक पहुँच गई। यह वृद्धि निरंतर आर्थिक गतिविधियों और बेहतर कर अनुपालन (Tax Compliance) को दर्शाती है। इसमें कॉर्पोरेट टैक्स और व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax) दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। शुद्ध संग्रह में यह बढ़ोतरी कर रिफंड में आई कमी के कारण भी हुई, जिससे सरकार की कुल प्राप्तियों में सुधार देखने को मिला।
इसके विपरीत, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (Gross Direct Tax Collection) — यानी रिफंड से पहले का कुल संग्रह — अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ा और 2.15% की वृद्धि के साथ ₹15.35 लाख करोड़ तक पहुँचा।
कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह कुल प्राप्तियों का प्रमुख हिस्सा रहा, जो ₹5.37 लाख करोड़ पर पहुँचा, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में यह ₹5.08 लाख करोड़ था।
यह वृद्धि बेहतर कॉर्पोरेट लाभप्रदता (Profitability) और कारोबारी वातावरण में सुधार का संकेत देती है, जो पूर्व कर कटौतियों (Rate Cuts) के बाद का सकारात्मक परिणाम है।
गैर-कार्पोरेट टैक्स (Non-Corporate Taxes) — जिसमें व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax) और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) से प्राप्त कर शामिल हैं — में भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज की गई।
यह संग्रह ₹7.19 लाख करोड़ तक पहुँचा, जो पिछले वर्ष ₹6.62 लाख करोड़ था।
यह वृद्धि व्यक्तियों की आय में सुधार और करदाताओं के आधार (Taxpayer Base) के धीरे-धीरे विस्तार को दर्शाती है।
शुद्ध राजस्व में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण कर रिफंड में 18% की गिरावट रहा।
रिफंड की राशि घटकर ₹2.42 लाख करोड़ रह गई, जो संभवतः कर विभाग द्वारा सख्त जाँच-पड़ताल या इस वर्ष करदाताओं द्वारा कम अग्रिम भुगतान किए जाने के कारण हुआ।
सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स (STT) से प्राप्तियाँ लगभग स्थिर रहीं —
₹35,682 करोड़, जबकि पिछले वर्ष यह ₹35,923 करोड़ थी।
यह स्थिरता दर्शाती है कि आईपीओ (IPO) की संख्या बढ़ने के बावजूद, शेयर बाज़ार में व्यापारिक गतिविधियाँ मध्यम स्तर पर रहीं।
वित्त वर्ष 2024–25 के लिए केंद्र सरकार ने ₹25.20 लाख करोड़ के प्रत्यक्ष कर संग्रह का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7% की वृद्धि दर्शाता है।
अब तक सात महीनों में 7% की वृद्धि के साथ, लक्ष्य हासिल करने के लिए आने वाले महीनों में कर प्रवाह (Tax Inflows) में उल्लेखनीय तेजी आवश्यक होगी।
इसे पूरा करने के लिए सरकार —
कर आधार (Tax Base) का विस्तार,
डिजिटल मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग, तथा
अनुपालन सुधार (Compliance Measures) को और सशक्त करने पर ज़ोर दे सकती है।
| श्रेणी | विवरण |
|---|---|
| शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (अप्रैल–नवंबर 2025) | ₹12.92 लाख करोड़ |
| वृद्धि दर (पिछले वर्ष की तुलना में) | 7% |
| सकल कर संग्रह (रिफंड से पहले) | ₹15.35 लाख करोड़ |
| कर रिफंड जारी | ₹2.42 लाख करोड़ (18% की कमी) |
| शुद्ध कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह | ₹5.37 लाख करोड़ |
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