शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अब तक 16 प्रतिशत बढ़कर 4.75 लाख करोड़ रुपये रहा। आयकर विभाग ने 10 जुलाई 2023 को एक बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह कुल बजट अनुमान के 26.05 फीसदी पर पहुंच गया है। इसमें आयकर और कंपनी कर शामिल हैं। कर वापसी के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.75 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल इसी अवधि में शुद्ध कर संग्रह के मुकाबले 15.87 फीसदी अधिक है।
मंत्रालय के मुताबिक, इस साल एक अप्रैल से नौ जुलाई के दौरान 42,000 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए। यह पिछले साल इसी अवधि में हुई कर वापसी के मुकाबले 2.55 फीसदी अधिक है। सकल रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.65 प्रतिशत बढ़कर 5.17 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2022-23 के 16.61 करोड़ रुपये के मुकाबले 9.75 प्रतिशत अधिक है।
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यह एक ऐसा टैक्स है, जिसमें टैक्स का बोझ और भुगतान एक ही व्यक्ति पर पड़ता है। उच्च आय वाले व्यक्तियों को उच्च करों का भुगतान करना होगा, और कम आय वाले लोगों को कम कर का भुगतान करना होगा। कुछ कमियों के बावजूद, प्रत्यक्ष कर भारत की अर्थव्यवस्था को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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