राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (नेस्ट्स) और यूनिसेफ इंडिया ने आदिवासी छात्रों की शिक्षा और व्यक्तिगत विकास में सहयोग के लिए एक नया कार्यक्रम, “तलाश” शुरू किया है। यह पहल 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में पढ़ने वाले छात्रों की मदद करेगी। इसका उद्देश्य आत्मविश्वास और जीवन कौशल का विकास करना और छात्रों को सही करियर चुनने में मार्गदर्शन प्रदान करना है।
तलाश क्या है?
‘तलाश’ का पूरा नाम Tribal Aptitude, Life Skills and Self-Esteem Hub है। यह भारत का पहला राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो विशेष रूप से जनजातीय छात्रों के लिए बनाया गया है। यह कार्यक्रम देशभर के ईएमआरएस (एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय) में पढ़ने वाले 1.38 लाख से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचाएगा। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहाँ छात्र अपने कौशल और रुचियों को जानने के लिए टेस्ट दे सकते हैं, करियर सुझाव प्राप्त कर सकते हैं, जीवन कौशल सीख सकते हैं और प्रशिक्षित शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते हैं। ‘तलाश’ नाम का अर्थ है खोज — अपनी आंतरिक शक्ति, क्षमताओं और सपनों की खोज। यह कार्यक्रम पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के मानसिक और भावनात्मक विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
छात्रों और शिक्षकों के लिए उपकरण और समर्थन
‘तलाश’ प्लेटफ़ॉर्म में एनसीईआरटी की तमन्ना पहल पर आधारित साइकोमेट्रिक टेस्ट (मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन) का उपयोग किया गया है, जिससे छात्र यह जान सकें कि वे किन क्षेत्रों में अच्छे हैं। इस टेस्ट के बाद हर छात्र को एक करियर कार्ड मिलता है, जिसमें उसके लिए उपयुक्त करियर विकल्पों का सुझाव दिया जाता है। छात्रों को करियर काउंसलिंग के साथ-साथ जीवन कौशल की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, जैसे – समस्या सुलझाने की क्षमता, संवाद कौशल और भावनाओं को समझना और नियंत्रित करना। ये सभी बातें उन्हें आत्मविश्वासी बनाएंगी और भविष्य के लिए तैयार करेंगी। शिक्षकों को भी एक विशेष ई-लर्निंग सिस्टम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर सकें। अब तक 75 स्कूलों के 189 शिक्षक इस प्रशिक्षण में भाग ले चुके हैं और अपने-अपने विद्यालयों में छात्रों को गाइड करना शुरू कर चुके हैं।
रोलआउट योजना और भविष्य की दिशा
‘तलाश’ को चरणबद्ध तरीके से सभी एकलव्य मॉडल स्कूलों में लागू किया जाएगा ताकि इसे आसानी से अपनाया जा सके। योजना के अनुसार, वर्ष 2025 के अंत तक यह सभी स्कूलों में पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। छात्रों, शिक्षकों और विशेषज्ञों से मिले फीडबैक के आधार पर इस प्लेटफॉर्म में समय-समय पर सुधार भी किए जाएंगे।
एनईएसटीएस के आयुक्त अजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा: “तलाश हमारे वादे का प्रतीक है कि हम जनजातीय छात्रों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुँचने का अवसर देना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य शिक्षा में खाई को पाटना और भविष्य के मजबूत नेता तैयार करना है।” ‘तलाश’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उद्देश्यों से भी जुड़ा है, जिसका लक्ष्य सभी छात्रों को समान अवसर देना और उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है।


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