भारत और नेपाल ने अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली के निर्यात के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करके दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर, वर्तमान में नेपाल की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, उन्होंने तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का उद्घाटन करने के लिए अपने समकक्ष एन पी सऊद के साथ हाथ मिलाया। यह दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
10,000 मेगावाट बिजली निर्यात के लिए द्विपक्षीय समझौता: एक दशक लंबी प्रतिबद्धता
भारत और नेपाल ने अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली के निर्यात के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करके दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया। भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल और नेपाल के ऊर्जा सचिव गोपाल सिगडेल द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौता, स्थायी ऊर्जा सहयोग के साझा दृष्टिकोण का एक प्रमाण है।
7वीं नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की बैठक में प्रमुख घटनाक्रम
बिजली निर्यात समझौता नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की 7वीं बैठक का मुख्य आकर्षण था। चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें व्यापार और आर्थिक संबंधों, कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा सहयोग, कृषि, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और बहुत कुछ पर जोर दिया गया। इस बैठक ने दोनों देशों के लिए एक सर्वव्यापी और मजबूत साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग: स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करना
बिजली निर्यात समझौते के अलावा, नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा समाधानों के प्रति संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
नेपाल का परिप्रेक्ष्य: विद्युत क्षेत्र में एक सफलता
नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बिजली निर्यात समझौते को देश के बिजली क्षेत्र में एक सफलता बताया। इस समझौते का महत्व न केवल आर्थिक है बल्कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और नेपाल के लिए संतुलित और सतत विकास पथ को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण है।
द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान चर्चा की व्यापकता पर प्रकाश डाला, जिसमें भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी, रक्षा और सुरक्षा में सहयोग, कृषि, बिजली, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन और लोगों से लोगों का संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे कई विषयों को शामिल किया गया। ये चर्चाएँ भारत-नेपाल संबंधों की बहुमुखी प्रकृति को रेखांकित करती हैं।
परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
Q1. नेपाल की दो दिवसीय यात्रा के दौरान तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का उद्घाटन किसने किया?
a. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड
b. भारत के ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल
c. विदेश मंत्री एस जयशंकर (सही उत्तर)
d. नेपाल के ऊर्जा सचिव गोपाल सिगडेल
Q2. भारत और नेपाल के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते में क्या शामिल है?
a. व्यापार और आर्थिक सहयोग
b. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
c. अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली का निर्यात (सही उत्तर)
d. संयुक्त सैन्य अभ्यास
Q3. भारत और नेपाल के बीच बिजली निर्यात समझौते पर किन प्रमुख अधिकारियों ने हस्ताक्षर किये?
a. दोनों देशों के प्रधान मंत्री
b. विदेश मंत्री
c. ऊर्जा सचिव – पंकज अग्रवाल (भारत) और गोपाल सिगडेल (नेपाल) (सही उत्तर)
d. नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि
Q4. 7वीं नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की बैठक का मुख्य आकर्षण क्या था?
a. सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
b. द्विपक्षीय व्यापार समझौते
c. विद्युत निर्यात समझौता (सही उत्तर)
d. संयुक्त सैन्य अभ्यास
Q5. बिजली निर्यात समझौते के अलावा, यात्रा के दौरान किस अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए?
a. रक्षा सहयोग समझौता
b. नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू)
c. व्यापार और निवेश साझेदारी
d. सीमा पार परिवहन समझौता
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