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AI की तैयारी वाले टॉप-10 देशों में शामिल हुआ भारत

भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में अपनी तैयारियों के संदर्भ में बीसीजी (Boston Consulting Group) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के टॉप 10 देशों में अपनी जगह बनाई है। भारत ने AI विशेषज्ञों में दूसरा स्थान और AI अनुसंधान प्रकाशनों में तीसरा स्थान हासिल किया है, जो देश की बढ़ती विशेषज्ञता और नवाचार को दर्शाता है। इस रिपोर्ट में 73 देशों का मूल्यांकन किया गया है, जो AI के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है।

भारत में AI का क्षेत्रीय प्रभाव

AI ने भारत के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में AI का प्रभाव देखा जा सकता है:

  1. व्यवसाय सेवाएं (GDP का 16%)
    • AI सरकारी कार्यों को बेहतर और अधिक कुशल बनाता है, जिससे संचालन में सुधार होता है।
  2. खुदरा (GDP का 10%)
    • AI आपूर्ति श्रृंखलाओं को बेहतर बनाता है और कचरे को कम करता है।
  3. सार्वजनिक सेवाएं (GDP का 6%)
    • आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और सेवा वितरण को सुधारने में मदद करता है।
  4. कृषि (GDP का 17%)
    • AI द्वारा सटीक खेती (Precision Farming) की मदद से उत्पादकता में वृद्धि होती है और जोखिम प्रबंधन में सुधार आता है।
  5. निर्माण (GDP का 8%)
    • AI द्वारा अवसंरचना योजना में सुधार और परियोजनाओं की दक्षता बढ़ाई जाती है।
  6. कला और व्यक्तिगत सेवाएं
    • AI के माध्यम से सार्वजनिक सुविधाओं का प्रबंधन और अधिक प्रभावी बनता है।

AI अपनाने की चुनौतियां और सिफारिशें

हालांकि, 70% से अधिक देशों को कौशल विकास और पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदारी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। लेकिन, AI की पूरी क्षमता को भुनाने के लिए निम्नलिखित सिफारिशें दी गई हैं:

  1. बुनियादी ढांचा और अनुसंधान का विकास
    • AI अनुसंधान केंद्रों और क्लाउड सुविधाओं की स्थापना।
  2. कार्यबल प्रशिक्षण
    • विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए ताकि प्रतिभा अंतर को कम किया जा सके।
  3. नीतियां और विनियमन
    • AI में पूर्वाग्रह को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नैतिक दिशानिर्देश तैयार किए जाएं।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) का महत्व

भारत में AI के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnerships – PPPs) की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये सहयोग नवाचार को बढ़ावा देते हैं, संसाधन साझा करते हैं और बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करते हैं। अपरना भारद्वाज का कहना है कि हमें AI-आधारित भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें नीतियां लचीलापन, उत्पादकता, रोजगार सृजन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित हों।

परीक्षाओं के लिए प्रमुख जानकारी

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? भारत AI विशेषज्ञों में 2nd और AI अनुसंधान प्रकाशनों में 3rd स्थान पर।
AI का क्षेत्रीय प्रभाव व्यवसाय सेवाएं (16%), खुदरा (10%), सार्वजनिक सेवाएं (6%), कृषि (17%), निर्माण (8%)।
कृषि में AI सटीक खेती और जोखिम प्रबंधन द्वारा उत्पादकता बढ़ाता है।
सिफारिशें बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, कार्यबल प्रशिक्षण और नैतिक AI नीतियों की स्थापना।
BCG रिपोर्ट वैश्विक प्रबंधन परामर्श फर्म जो डेटा आधारित रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी नवाचार, संसाधन साझा करना, और तकनीकी उन्नति में मदद करती है।
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