राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने “भारत में 2017 के अपराध की रिपोर्ट” जारी की है. यह रिपोर्ट 2 साल की देरी के बाद जारी की गयी है.
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष हैं:
- रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 3.59 लाख मामले हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश 56,011 मामलों के साथ शीर्ष स्थान पर है, उसके बाद महाराष्ट्र में 31,979 और पश्चिम बंगाल में 30,002 महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामले हैं.
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों में अधिकांश मामले ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता’ (27.9%) के हैं, इसके बाद ‘महिला की शीलता भंग करने के लिए उसके साथ बल का प्रयोग करना’ (21.7%), ‘महिलाओं के अपहरण’ (20.5%) और ‘बलात्कार’ (7.0%) के मामले हैं.
- NCRB की रिपोर्ट में 2017 में दंगों की 58,880 घटनाओं का भी हवाला दिया गया है. बिहार (11,698) से दंगों की अधिकतम घटनाएं हुईं, इसके बाद उत्तर प्रदेश (8,990) और महाराष्ट्र (7,743) का स्थान रहा.
- अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई घटनाएं 2016 में 5,082 घटनाओं से बढ़कर 2017 में 5,775 हो गई हैं.
- अनुसूचित जनजातियों से संबंधित अपराधों की घटनाएं 2016 में 844 से घटकर 2017 में 720 हो गईं हैं.
- 2017 के दौरान व्यपहरण और अपहरण के कुल 95,893 मामले दर्ज किए गए हैं.
- NCRB ने पहली बार “झूठे / नकली समाचार और अफवाहों” के प्रसार पर डेटा एकत्र किया है. इस श्रेणी में सबसे ज़्यादा घटनाएं मध्य प्रदेश (138) से, उसके बाद उत्तर प्रदेश (32) और केरल (18) द्वारा दर्ज की गईं हैं.
- 2017 में देश भर में कुल 28,653 हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं और इस तरह की हत्याओं के लिए अधिकतम ट्रिगर दुश्मनी को बताया गया है. केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली में 2017 में सबसे अधिक 487 हत्याएं दर्ज की गईं हैं.
स्रोत: द हिंदू