एनसीजीजी ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए 34वां प्रशिक्षण पूरा किया

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए नई दिल्ली में अपने 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) का सफल समापन किया। 14-25 अक्टूबर, 2024 के बीच आयोजित इस दो सप्ताह के कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय (MEA) के सहयोग से किया गया। यह कार्यक्रम 2024 से 2029 तक प्रभावी एक नवीकृत समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत दूसरी पहल है, जिसे भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री श्री मूसा ज़मीर ने हस्ताक्षरित किया था। इस समझौते का उद्देश्य 1,000 मालदीव के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करना है, जो मालदीव में शासन को सुदृढ़ करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समापन सत्र के मुख्य बिंदु

समापन सत्र के दौरान, श्री वी. श्रीनिवास, NCGG के महानिदेशक, ने भारत में तकनीकी एकीकरण के माध्यम से शासन की सफलता को रेखांकित किया, जिसमें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), आधार, और अन्य डिजिटल समाधान शामिल हैं, जो स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, और प्रशासनिक पारदर्शिता में सुधार ला रहे हैं। विभिन्न सरकारी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले मालदीव के सिविल सेवकों ने भी प्रौद्योगिकी आधारित शासन, स्कूली शिक्षा में सुधार और भारत-मालदीव संबंधों को सुदृढ़ करने पर महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं।

प्रतिभागियों के दृष्टिकोण और कार्यक्रम के उद्देश्य

मालदीव प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख फ़ातिमा हिल्मी ने प्राप्त मूल्यवान जानकारियों के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. बी.एस. बिष्ट ने कार्यक्रम के उद्देश्यों को साझा किया, जिसमें भारत के अच्छे शासन के मॉडल को मालदीव के प्रतिभागियों के साथ साझा करना शामिल है, ताकि वे अपने शासन तंत्र में प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ा सकें।

शैक्षिक भ्रमण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान

दूसरे सप्ताह में प्रतिभागियों ने भारत के प्रमुख संस्थानों जैसे फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, एम्स, नेशनल साइंस इंस्टीट्यूट, इंदिरा पर्यावरण भवन, पीएम संग्रहालय और ताजमहल का दौरा किया, जिससे उन्हें भारत के शासन ढांचे, सतत विकास प्रयासों और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव मिला।

वैश्विक क्षमता निर्माण प्रयास

NCGG के प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने 33 देशों के सिविल सेवकों का समर्थन किया है, जिनमें बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया और श्रीलंका शामिल हैं, जो वैश्विक सुशासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला

20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक…

1 hour ago

एचएमजेएस ने भूजल परमिट के लिए “भू-नीर” पोर्टल लॉन्च किया

सी.आर. पाटिल, माननीय जल शक्ति मंत्री ने इंडिया वॉटर वीक 2024 के समापन समारोह के…

2 hours ago

प्रधानमंत्री मोदी को गुयाना और डोमिनिका से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान और भारत व कैरेबियाई…

2 hours ago

एसईसीआई ने हरित हाइड्रोजन पहल को बढ़ावा देने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

19 नवंबर 2024 को भारत सरकार की सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और H2Global Stiftung…

3 hours ago

पीएम मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति को उपहार में दिया ‘सिलोफर पंचामृत कलश’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू को…

5 hours ago

वैश्विक जलवायु सूचकांक में भारत दो स्थान नीचे गिरा

भारत ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स (CCPI) 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में दो…

5 hours ago