केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनसीईआरटी के 63वें स्थापना दिवस समारोह में एक बड़ा ऐलान किया है। NCERT में एक कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को अब ‘मानित विश्वविद्यालय’ यानि कि डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने राष्ट्रीय राजधानी में कहा कि एनसीईआरटी पहले से ही अनुसंधान और नवाचार में लगा हुआ है। यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है और इसलिए इसे ‘मानित विश्वविद्यालय’ का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि देशभर में क्षेत्रीय और राज्य शिक्षा परिषदें एनसीईआरटी के ऑफ-कैंपस के रूप में कार्य करेंगी।
स्कूल शिक्षा व्यवस्था
परिषद स्कूल शिक्षा व्यवस्था का एक थिंक-टैंक है। यह भारत में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित करने वाला शीर्ष संगठन है। साथ ही य नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू कर रहा है। इसके अलावा परिषद अनुसंधान, नवाचार, पाठ्यक्रम विकास के साथ-साथ शिक्षण-शिक्षण सामग्री में भी जुटा हुआ है।
दर्जा मिलने से क्या-क्या बदलेगा?
NCERT को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद यहां पर ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन और डॉक्टरेट के कोर्स शुरू हो सकते हैं। साथ ही NCERT को कई तरह के एग्जाम, विभिन्न परीक्षाओं के लिए सिलेबस, एग्जाम पैटर्न आदि डिजाइन करने का जिम्मा भी सौंपा जा सकता है।
पाठ्यचर्या विकास
विशेष रूप से, एनसीईआरटी ने हाल ही में कक्षा 3 से 12 तक के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को आकार देने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति का प्राथमिक लक्ष्य पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ-एसई) के साथ संरेखित करना है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह संरेखण सुनिश्चित करता है कि शिक्षा छात्रों और समाज की बढ़ती जरूरतों के लिए प्रासंगिक, गतिशील और उत्तरदायी बनी रहे।
इनोवेटिव लैब्स का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया, जिनमें से एक आभासी वास्तविकता शिक्षा के लिए समर्पित और दूसरी शिक्षक प्रशिक्षण पर केंद्रित थी। ये प्रयोगशालाएं भारत में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और नवीन शैक्षणिक दृष्टिकोणों का उपयोग करने के लिए एनसीईआरटी की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।