केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर स्कूली सिलेबस में संशोधन करने और नई NCERT पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण की शुरुआत के लिए एक समिति बनाई है। इस राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति में कई शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ शामिल हैं। इस समिति में लेखक और परोपकारी सुधा मूर्ति, प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, EAC-PM के सदस्य संजीव सान्याल, RSS विचारक चामू कृष्ण शास्त्री और गायक शंकर महादेवन शामिल हैं।
19 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष
महेश चंद्र पंत इस 19 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड प्लानिंग इन एडमिनिस्ट्रेशन के चांसलर हैं। समिति की सह अध्यक्षता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को सौंपी गई है। समिति में चामू कृष्ण शास्त्री भी शामिल हैं। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति एक स्वायत्त समिति होगी। इसका कार्य कक्षा तीन से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करना है।
शैक्षिक परिवर्तन के लिए सामूहिक विशेषज्ञता
गणित, कला, अर्थशास्त्र, खेल, नीति और प्रशासन में विशेषज्ञता की विविध श्रृंखला के साथ, इस समिति का लक्ष्य एक शैक्षिक ढांचा तैयार करना है जो सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधता को अपनाते हुए समकालीन जरूरतों के अनुरूप हो। प्रत्येक सदस्य भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि का योगदान देता है।
एनसीएफ से प्रस्तावित परिवर्तन
6 अप्रैल को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध कराया गया राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे का पूर्व-मसौदा स्कूली शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधारों का सुझाव देता है। इन सिफारिशों में द्विवार्षिक बोर्ड परीक्षाओं को लागू करना, 12वीं कक्षा के लिए एक सेमेस्टर प्रणाली शुरू करना और छात्रों को विज्ञान, मानविकी और वाणिज्य विषयों के मिश्रण को आगे बढ़ाने के लिए लचीलापन प्रदान करना शामिल है। हालाँकि अंतिम रिपोर्ट की सामग्री अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन ये प्रस्तावित परिवर्तन शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव का संकेत देते हैं।