नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत में पहली बार “मौसम डेरिवेटिव्स” शुरू किए जाएंगे। यह नई वित्तीय व्यवस्था किसानों और मौसम-आधारित उद्योगों को अनियमित वर्षा, लू और असमय तूफानों जैसी जलवायु जोखिमों से बचाने में मदद करेगी।
क्या होते हैं मौसम डेरिवेटिव्स?
मौसम डेरिवेटिव्स विशेष वित्तीय उपकरण होते हैं, जो किसानों, परिवहनकर्ताओं और अन्य मौसम-आधारित व्यवसायों को मौसम से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस समझौते के तहत, NCDEX IMD के विश्वसनीय मौसम डेटा का उपयोग कर वर्षा आधारित फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट विकसित करेगा। ये कॉन्ट्रैक्ट स्थान-विशिष्ट और मौसम-आधारित होंगे, जिससे वास्तविक खेती की परिस्थितियों को ध्यान में रखा जा सकेगा।
यह भारत में पहली बार है जब इस प्रकार का उत्पाद बाजार में आएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु लचीलापन (climate resilience) को मजबूती मिलेगी।
नेतृत्व की प्रतिक्रियाएं
अरुण रस्ते, प्रबंध निदेशक और सीईओ, NCDEX, ने कहा कि यह कदम कमोडिटी बाजार में एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि बदलते जलवायु पैटर्न फसलों और आय पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, ऐसे में बाजार आधारित समाधान जैसे मौसम डेरिवेटिव्स किसानों को बेहतर तैयारी का अवसर देंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह नवाचार पर्यटन और परिवहन जैसे अन्य उद्योगों को भी लाभ पहुंचा सकता है।
डॉ. एम. मोपात्रा, महानिदेशक, IMD, ने कहा कि IMD पहले से ही कृषि और आपदा चेतावनी प्रणाली में सहयोग करता आया है। उन्होंने कहा, “इस समझौते के जरिए अब IMD का डेटा वित्तीय स्थिरता में भी योगदान देगा और किसानों तथा अन्य क्षेत्रों को जलवायु प्रभावों से निपटने में सहायता करेगा।”
प्रशिक्षण, अनुसंधान और विस्तार योजनाएं
यह साझेदारी न केवल नए मौसम-आधारित उत्पादों के विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि:
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किसानों, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) और व्यापारियों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएं
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मौसम जोखिम की बेहतर समझ के लिए संयुक्त शोध
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कीमतों और जोखिम प्रबंधन के लिए अधिक कुशल बाजार टूल्स
जैसी पहल को भी समर्थन देगी। ये डेरिवेटिव्स ऐतिहासिक और रीयल-टाइम मौसम डेटा पर आधारित होंगे, जिससे इनकी विश्वसनीयता और सटीकता बढ़ेगी।
साझेदार संस्थाओं के बारे में
NCDEX भारत का सबसे बड़ा कृषि कमोडिटी एक्सचेंज है, जो किसानों और व्यापारियों को कीमत निर्धारण और जोखिम प्रबंधन की सुविधा देता है। 2003 में स्थापित यह संस्था आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम एग्री-मार्केट सिस्टम तैयार करने में अग्रणी रही है।
IMD, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी, भारत की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी है। यह विभाग मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी और कृषि, उड्डयन, सिंचाई, तेल खोज आदि क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान करता है, और चरम मौसम घटनाओं से जीवन व संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।


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