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नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों के खिलाफ अनुसंधान के लिए समझौता

भारत में मादक पदार्थों तथा साइबर-सक्षम ड्रग अपराधों के विरुद्ध लड़ाई को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता नई दिल्ली में हुआ, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और क्षेत्रीय प्रवर्तन को एकीकृत कर डिजिटल और साइबर माध्यमों से हो रहे नशीली दवाओं के व्यापार पर प्रभावी अंकुश लगाना है।

एमओयू हस्ताक्षर का विवरण

  • हस्ताक्षरकर्ता: अनुराग गर्ग (महानिदेशक, एनसीबी) और प्रो. बिमल एन. पटेल (कुलपति, आरआरयू)

  • स्थान: नई दिल्ली

  • समय: अक्टूबर 2025

  • मुख्य उद्देश्य: अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से मादक पदार्थ नियंत्रण और साइबर-सक्षम अपराधों से निपटना।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

इस समझौते के तहत एनसीबी और आरआरयू उभरते हुए उन उच्च-जोखिम क्षेत्रों पर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे, जो आधुनिक मादक पदार्थ अपराध जांच का केंद्र बन चुके हैं।

मुख्य फोकस क्षेत्र:

  1. डार्कनेट नारकोटिक्स मार्केट्स: ऑनलाइन ड्रग व्यापार प्लेटफार्मों का अध्ययन और निगरानी।

  2. क्रिप्टोकरेंसी ट्रेसिंग: अवैध वित्तीय लेनदेन और क्रिप्टो-आधारित भुगतानों का पता लगाना।

  3. साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस: वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और निगरानी को सशक्त बनाना।

  4. डिजिटल जांच उपकरणों में नवाचार: डिजिटल फॉरेंसिक और ऑनलाइन जांच के लिए स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित करना।

प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पहलें

एमओयू के तहत एनसीबी अधिकारियों को नई तकनीकों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषय:

  • साइबर फॉरेंसिक्स और ब्लॉकचेन फॉरेंसिक्स

  • ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT)

  • अपराधियों की व्यवहारिक प्रोफाइलिंग

  • डिजिटल साक्ष्य संग्रहण और विश्लेषण

इन कार्यक्रमों से अधिकारियों को जटिल साइबर अपराधों, विशेषकर डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी-आधारित अपराधों से निपटने की दक्षता प्राप्त होगी।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना

एनसीबी और आरआरयू ने “साइबर अपराध जांच और ड्रग इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence)” स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है।

इस केंद्र के प्रमुख उद्देश्य:

  • मादक पदार्थों की तस्करी के पैटर्न पर अनुसंधान

  • एआई-आधारित डिटेक्शन टूल्स का विकास

  • साइबर-सक्षम नारकोटिक्स नियंत्रण हेतु नीति निर्माण

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बीच ज्ञान-साझाकरण

यह केंद्र भारत की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को तकनीकी और नीति दोनों स्तरों पर सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एमओयू का महत्व

यह समझौता भारत के मादक पदार्थ नियंत्रण और साइबर अपराध-निवारण ढांचे को नई दिशा देगा। इससे:

  • खुफिया जानकारी संग्रहण और डेटा विश्लेषण क्षमता में वृद्धि होगी।

  • प्रौद्योगिकी आधारित प्रवर्तन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।

  • शैक्षणिक संस्थानों और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग सुदृढ़ होगा।

  • अधिकारियों को उन्नत डिजिटल जांच कौशल प्राप्त होंगे।

  • आधुनिक मादक पदार्थ नियंत्रण हेतु नीति और विधिक ढांचे को समर्थन मिलेगा।

यह साझेदारी डिजिटल इंडिया और सेफ एंड सिक्योर इंडिया अभियानों के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो देश को उभरते अपराध रुझानों से एक कदम आगे रखेगी।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

विषय विवरण
NCB का पूर्ण रूप Narcotics Control Bureau (नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो)
RRU का पूर्ण रूप Rashtriya Raksha University (राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय)
एमओयू हस्ताक्षर तिथि अक्टूबर 2025
हस्ताक्षरकर्ता अनुराग गर्ग (महानिदेशक, एनसीबी) और प्रो. बिमल एन. पटेल (कुलपति, आरआरयू)
स्थान नई दिल्ली
मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थ नियंत्रण एवं साइबर अपराध निवारण में अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन देना
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