नवरात्रि 2025 के दौरान भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की। ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल सेक्टर में बिक्री पिछले एक दशक में सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंची। Business Standard (3 अक्टूबर 2025) के अनुसार, इस उछाल का मुख्य कारण GST सुधार (GST Rationalisation) था, जिसने प्रमुख श्रेणियों की कीमतों को कम कर उपभोक्ता आत्मविश्वास और खरीद क्षमता को बढ़ाया।
यह प्रदर्शन भारत की उपभोक्ता-आधारित विकास कहानी को और मजबूत करता है और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच देश को सर्वाधिक लचीला उपभोक्ता बाजार होने की स्थिति में स्थापित करता है।
नवरात्रि के पहले आठ दिनों में विभिन्न उद्योगों में ऐतिहासिक बिक्री वृद्धि देखी गई। यह उत्सव अवधि (ओणम से दिवाली) भारत के मुख्य त्योहारों के मौसम की शुरुआत को दर्शाती है। कई सेक्टर में डबल और ट्रिपल डिजिट ग्रोथ दर्ज हुई।
ऑटोमोबाइल उद्योग उपभोक्ता खर्च का सबसे मजबूत चालक बना।
दो-पहिया वाहन:
Hero MotoCorp के शोरूम में पैर जमने वाले ग्राहक दोगुने हुए।
Bajaj Auto ने कमीटर और प्रीमियम मॉडल्स में मजबूत बिक्री दर्ज की।
ग्रामीण मांग में सुधार और कम ब्याज दरों तथा बढ़ते ग्रामीण आय ने भी बिक्री में योगदान दिया।
Haier India: बिक्री में 85% की वृद्धि, दिवाली टीवी इन्वेंट्री लगभग समाप्त।
LG Electronics India: प्रमुख उपकरण श्रेणियों में “गणनात्मक वृद्धि”।
Reliance Retail: स्मार्टफोन और उपभोक्ता उपकरणों में 20–25% की वृद्धि।
Vijay Sales & Godrej Appliances: पिछले वर्ष की तुलना में 20–30% वृद्धि।
प्रीमियम टीवी मॉडल्स (85–100 इंच) तेजी से बिक गए, जिससे शहरी उपभोक्ताओं में बढ़ती क्रय क्षमता और आकांक्षात्मक खर्च का संकेत मिलता है।
बड़े उपकरण और हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर रुझान दर्शाता है कि GST दरों में कमी और उपभोक्ता वित्तपोषण की आसान पहुँच ने खरीद क्षमता बढ़ाई है।
GST 2.0 सुधारों के हिस्से के रूप में GST दरों का समायोजन इस उपभोक्ता उछाल का मुख्य कारक रहा।
कर बोझ में कमी: आवश्यक और आकांक्षात्मक उत्पाद अधिक किफायती हुए।
सप्लाई चेन दक्षता: लॉजिस्टिक्स और इनपुट टैक्स क्रेडिट में सुधार, संचालन लागत कम हुई।
मूल्य पारदर्शिता: मानकीकृत कर दरों ने उपभोक्ताओं को ब्रांडेड उत्पादों की ओर बढ़ाया।
बाजारों का औपचारिकीकरण: अधिक छोटे और मध्यम खुदरा विक्रेता GST नेटवर्क में शामिल हुए, जिससे उपभोक्ता आधार बढ़ा।
इन सुधारों ने उपभोक्ता आत्मविश्वास बढ़ाया और उत्सव के दौरान खर्च में वृद्धि को प्रेरित किया।
रिटेल वृद्धि: बिक्री वृद्धि 25%–100% तक, उपभोक्ता मनोबल मजबूत।
ग्रामीण लचीलापन: ग्रामीण बाजारों ने शहरी मांग को पीछे छोड़ा, स्थिर कृषि आय और बढ़ती ग्रामीण विद्युतीकरण के कारण।
रोजगार एवं उत्पादन: उच्च मांग के कारण उत्पादन और अस्थायी रोजगार में वृद्धि, विशेष रूप से रिटेल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में।
उपभोक्ता खर्च का हिस्सा: भारत के उत्सवी मौसम के पहले हिस्से (ओणम–दशहरा) में वार्षिक उत्सवी खर्च का 40–45% शामिल।
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