Home   »   राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2023: महत्व और...

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2023: महत्व और इतिहास

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2023: महत्व और इतिहास |_3.1

भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक का समाज में आदरणीय और सम्माननीय स्थान होता है। भारत हर साल डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों को श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्कुल से लेकर कॉलेजों तक छात्र-छात्राएं बड़े ही धुमधाम से उनकी जयंती मनाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं।

 

इस दिन का उद्देश्य

शिक्षक दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के जीवन को सही दिशा देने वाले देश के सभी गुरूओं और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को सम्मान देना तथा भावी पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। इसके अलावा एक अनुशासित समाज और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करना भी इसका मुख्य मकसद हो सकता है।

 

इस दिन का इतिहास:

साल 1962 में डॉ. राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। इस दिन को मनाने का मुख्य महत्व यह है कि डॉ राधाकृष्णन के छात्रों ने उनके जन्मदिन को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति देने के लिए उनसे संपर्क किया। वह उस सम्मान से हैरान और खुश थे जो छात्रों द्वारा उनके शिक्षक न होने के बाद भी उन्हें दिया जाता है।

 

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही गुरूओं का बच्चों के जीवन में बड़ा योगदान रहा है। गुरुओं से मिला ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं। शिक्षक दिवस सभी शिक्षकों और गुरुओं को समर्पित है। इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और अवसर है। वे हमें जीवन विपरीत परिस्थितियों का सामना करना सिखाते हैं।

 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को ब्रिटिश भारत की तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी (अब तमिलनाडु में) में हुआ था। वे भारतीय दार्शनिक और राजनेता थे और 20वीं शताब्दी में भारत में तुलनात्मक धर्म और दर्शन के क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध विद्वानों में से एक थे। डॉ राधाकृष्णन 1949 से 1952 तक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) के राजदूत थे और 1952 से भारत के उपराष्ट्रपति बने और 1962 में उन्हें भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। वे राजनीतिज्ञ सी. राजगोपालाचारी, वैज्ञानिक सी.वी. रमन के साथ भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता थे। उन्हें ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट (1963) से भी सम्मानित किया गया था।

 

Find More Important Days Here

World Coconut Day 2023: Date, Benefits, Significance and History_110.1

FAQs

राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय एकता दिवस हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है।