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राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024: इतिहास और महत्व

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भारत में हर साल 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस (National Productivity Day) मनाया जाता है। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का उद्देश्य देश के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है। दिन का मुख्य पर्यवेक्षण समकालीन प्रासंगिक विषयों के साथ उत्पादकता उपकरण और तकनीकों के कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करना है।

भारत में उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council – NPC) द्वारा यह दिन मनाया जाता है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) भारत में उत्पादकता आंदोलन के प्रचार के लिए एक प्रमुख संस्था है। एनपीसी उत्पादकता में तेजी लाने, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में समाधान प्रदान करने के लिए काम करता है।

 

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024 थीम

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024 का थीम ‘इनोवेट’ है। जिसका अर्थ उच्च दिखना, ऊंचा उठाना, नए-नए टेक्नोलॉजी को विकसित करना और आगे बढ़ते रहना है। यह थीम सभी समुदायों को आगे लाने, सतत और न्यायसंगत विकास हासिल करने के लिए आवश्यक सामूहिक रूप से प्रयास पर जोर देती है।

 

राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का महत्व

राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) भारत को विश्व नेता बनाना चाहती है। इस दिन का महत्व उत्पादकता को एक समग्र धारणा के रूप में प्रस्तुत करना है जो केवल उत्पादन बढ़ाने के तरीके के बजाय पर्यावरणीय समस्याओं, मानव संसाधन विकास और गुणवत्ता पर विचार करता है। एनपीसी एक सर्वव्यापी अवधारणा के रूप में उत्पादन के महत्व पर भी जोर देती है। यह सप्ताह व्यक्तियों को उत्पादकता उपकरणों का उपयोग करने और वर्तमान मुद्दों को शामिल करने के लिए भी शिक्षित करता है।

 

राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC)

NPC 1958 में स्थापित एक स्वायत्त संगठन है। यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस NPC के गठन का जश्न मनाता है। यह भारत की उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित राष्ट्रीय संस्था है। National Productivity Council – NPC को 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत किया गया है।

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