हर साल 1 अगस्त को राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस (National Climbing Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को माउंटेन क्लाइम्बिंग के लिए मोटिवेट करना है और इस एडवेंचर के बारे में बताना है। पर्वतारोहण महज एक एडवेंचर एक्टिविटी नहीं, बल्कि यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा इससे टीमवर्क, पेशेंस, डिटरमीनेशन जैसे गुण भी विकसित होते हैं।
राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस का महत्व
पर्वतारोहण के एक या दो नहीं, बल्कि कई सारे फायदे हैं। इसे करने से पहले कुछ तैयारियां करनी होती है, जिसमें एक्सरसाइज सबसे पहली चीज है, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। क्लाइम्बिंग के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे लोगों में टीमवर्क की समझ बढ़ती है, अपनी मानसिक क्षमता और साहस के बारे में पता चलता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों में पर्वतारोहण के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी फैलाना है।
कैसे हुई थी शुरुआत राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस की?
नेशनल माउंटेन क्लाइम्बिंग डे की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। यह दिन भारत के पर्वतारोहण संगठन भारतीय पर्वतारोहण संघ द्वारा प्रस्तावित किया गया था। यह दिन ग्रैंड टेटन की पहली सफल चढ़ाई की याद में मनाया जाता है, जो 1 अगस्त 1898 को पूरी हुई थी। ग्रैंड टेटन व्योमिंग की टेटन रेंज की सबसे ऊंची चोटी है और इस चढ़ाई को एक टीम ने पूरा किया था। इस टीम में कुल सात पर्वतारोही थे, जिसे नथानिएल नैट लैंगफोर्ड ने लीड किया था। उनके अलावा इस टीम में टीएम बैनन, जेपी क्रैमर, जॉन शिवे, फ्रैंक स्पाल्डिंग, विलियम ओवेन और फ्रैंकलिन स्पाल्डिंग शामिल थे।
यह दिवस कैसे मनाया जाता है?
पर्वतारोहण से जुड़े इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। पर्वतारोहियों को सम्मानित किया जाता है। उनके सफर और उसमें आने वाले चैलेंजेस के बारे में बात की जाती है।