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नेशनल मेडिकल कमीशन ने डॉक्टरों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र किया अनिवार्य

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नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के नए नियमों के अनुसार, देश में चिकित्सा का अभ्यास करने में सक्षम होने के लिए डॉक्टरों को अब एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईडी) प्राप्त करनी होगी। यूआईडी एनएमसी एथिक्स बोर्ड द्वारा केंद्रीय रूप से उत्पन्न किया जाएगा और इस प्रकार चिकित्सक को एनएमआर में रजिस्ट्रेशन और भारत में चिकित्सा का प्रैक्टिस करने के लिए एलिजिबिलिटी प्रदान करेगा।

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एनएमसी द्वारा नई नोटिफिकेशन के अनुसार, देश के सभी पंजीकृत चिकित्सा चिकित्सकों के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर होगा। एनएमसी के तहत एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईएमआरबी) द्वारा इसका रखरखाव किया जाएगा। इस रजिस्टर में विभिन्न राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा बनाए गए सभी राज्य रजिस्टरों के पंजीकृत चिकित्सा चिकित्सकों की सभी प्रविष्टियां होंगी और इसमें चिकित्सा व्यवसायी के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी होगी।

‘मेडिकल प्रैक्टिशनर्स का पंजीकरण और प्रैक्टिस मेडिसिन लाइसेंस विनियम, 2023’ नामक नई अधिसूचना में कहा गया है कि एक पंजीकृत चिकित्सक को जारी मेडिसिन प्रैक्टिस का लाइसेंस पांच साल की अवधि के लिए वैलीड होगा, जिसके बाद चिकित्सक को राज्य चिकित्सा परिषद में आवेदन करके लाइसेंसिंग का रिन्यूअल करना होगा। लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए आवेदन लाइसेंस की वैधता की समाप्ति के तीन महीने से पहले किया जा सकता है।

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