केंद्रीय संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा “भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) की राष्ट्रीय सूची” जारी की गई है। “भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की राष्ट्रीय सूची”, संस्कृति मंत्रालय के विज़न 2024 का भाग है, जिसका लक्ष्य भारत के विविध राज्यों की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत परम्पराओं के बारे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाना और उनका संरक्षण सुनिश्चित करना है। यह अपनी अमूर्त विरासत में अंत:स्थापित भारतीय संस्कृति की विविधता को मान्यता देने का एक प्रयास है।
भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रिय सूची को पांच क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें अमूर्त सांस्कृतिक विरासत अभिव्यक्त होती है::
- अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के वाहक के तौर पर भाषा सहित मौखिक परंपराएं और अभिव्यक्तियां;
- प्रदर्शन कलाएं;
- सामाजिक प्रथाएं, रीति-रिवाज और उत्सव घटनाक्रम;
- प्रकृति और विश्व से संबंधित ज्ञान तथा प्रथाएं;
- पारंपरिक शिल्पकारिता
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने संबंधी यूनेस्को के 2003 के कन्वेंशन को ध्यान में रखते हुए भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूची को मोटे तौर पर पांच क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- यूनेस्को के महानिदेशक: ऑड्रे अज़ोले.