खनन मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) ने 30,000 करोड़ रुपये (लगभग 3.43 अरब डॉलर) के ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की है। इस निवेश से ओडिशा में एक नया एल्यूमिनियम स्मेल्टर और एक कोयला-आधारित बिजली संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह कदम भारत की औद्योगिक अवसंरचना विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
निवेश का खाका और समयसीमा
नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान NALCO के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह निवेश पाँच वर्षों में पूरा होगा और इसे ऋण व आंतरिक संसाधनों से वित्तपोषित किया जाएगा।
मुख्य विवरण:
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₹18,000 करोड़ – ओडिशा में एल्यूमिनियम स्मेल्टर
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₹12,000 करोड़ – कोयला आधारित बिजली संयंत्र
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कुल निवेश – ₹30,000 करोड़ (≈ $3.43 अरब)
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वित्तपोषण – ऋण + आंतरिक संसाधन
यह विशाल परियोजना भारत की घरेलू धातु उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आयात पर निर्भरता घटाने की रणनीति को मज़बूत करेगी।
ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी
बिजली संयंत्र परियोजना को पूरा करने के लिए NALCO की बातचीत वर्तमान में कोल इंडिया और एनटीपीसी जैसी देश की सबसे बड़ी ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों से चल रही है। प्रस्तावित कोयला संयंत्र से स्मेल्टर संचालन के लिए समर्पित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जो एल्यूमिनियम उत्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
यह एकीकृत मॉडल ऊर्जा उत्पादन और धातु निर्माण को साथ-साथ चलाने का अवसर देगा, जिससे दक्षता अधिकतम होगी।
ओडिशा स्मेल्टर का महत्व
बॉक्साइट भंडार और औद्योगिक अवसंरचना से सम्पन्न ओडिशा इस स्मेल्टर के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। नई इकाई से —
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NALCO की उत्पादन क्षमता में बड़ा विस्तार होगा
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‘मेक इन इंडिया’ पहल को मज़बूती मिलेगी
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हज़ारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे
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भारत की वैश्विक एल्यूमिनियम बाजार में स्थिति और मज़बूत होगी
निर्माण, परिवहन, ऊर्जा और पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में एल्यूमिनियम की बढ़ती मांग को देखते हुए यह निवेश भारत को घरेलू और निर्यात—दोनों बाज़ारों की आवश्यकताओं को और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम बनाएगा।


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