नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में विकास परियोजना की शुरूआत की हैं। 44 लाख रुपये की परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ना है। इसके तहत सूक्ष्म स्तर पर ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस पहल के तहत, नाबार्ड 385 ग्राम स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगा और 10 लाख रुपये से अधिक की राशि के साथ नवगठित एसएचजी के नेताओं को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा। अंडमान में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मशरूम की खेती और बांस हस्तशिल्प बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, इसमें स्वराज द्वीप में टूर और ट्रैवल एजेंटों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल होगा। NABARD सेंटर ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CARI) के साथ मिलकर कृषि कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- कृषि और ग्रामीण विकास के लिए नेशनल बैंक के अध्यक्ष: जी आर.
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर: एडमिरल डी के जोशी.