न्यायमूर्ति मुर्दु निरुपा बिंदुशिनी फर्नांडो को 2 दिसंबर 2024 को श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई। यह ऐतिहासिक नियुक्ति श्रीलंकाई न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि न्यायमूर्ति फर्नांडो इस पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला हैं। पहली महिला न्यायमूर्ति शिरानी बंडारनायके थीं।
ऐतिहासिक नियुक्ति
श्रीलंका की 48वीं मुख्य न्यायाधीश।
- न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के बाद इस पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला।
- मुख्य न्यायाधीश जयंता जयसूर्या की सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्त।
अनुमोदन और समारोह
- संवैधानिक परिषद द्वारा नामांकन को मंजूरी दी गई।
- राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की उपस्थिति में राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ ली।
- राष्ट्रपति की सचिव डॉ. नंदिका सनथ कुमानायके सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
मोरातुवा के प्रिंसेस ऑफ वेल्स कॉलेज की पूर्व छात्रा।
कोलंबो विश्वविद्यालय के विधि संकाय से विधि स्नातक (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की।
पेशेवर सफर
- 1985 में अटॉर्नी जनरल विभाग में अपना करियर शुरू किया।
- 1997 में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल के पद पर पदोन्नत हुईं।
- 2014 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद पर पदोन्नत हुईं।
- मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुईं।
- वरिष्ठ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
महत्व
न्यायमूर्ति फर्नांडो का करियर तीन दशकों से अधिक समय तक फैला हुआ है, जो कानून के शासन को बनाए रखने के लिए उनकी विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाता है।
उनकी नियुक्ति श्रीलंका की न्यायपालिका में लैंगिक प्रतिनिधित्व के लिए एक प्रगतिशील कदम है।