अफगानिस्तान की सरजमीं से आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत समेत कई देशों ने ‘मॉस्को प्रारूप पर वार्ता’ (Moscow format) में हिस्सा लिया। भारत ने इसमें अफगानिस्तान में वास्तविक समावेशी सरकार बनाने का आह्वान किया। यह बैठक अफगानिस्तान की स्थिति पर विचार के लिए बुलाई गई थी। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चौथी बैठक में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, ताजिकिस्तान, तजाकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान व उज्बेकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि शामिल हुए। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सहभागी देशों ने अमेरिका द्वारा जब्त अफगानिस्तान की संपत्तियों को पूरी तरह मुक्त करने की मांग की।
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बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि इन देशों ने अमेरिका और अन्य उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों से संपत्तियां मुक्त करने का आग्रह किया, ताकि इस दौरान अफगान लोगों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जा सके। अमेरिका के नेतृत्व में नाटो देशों ने अफगानिस्तान में 20 साल तक सेना तैनात की थी। बैठक में कतर, यूएई, सऊदी अरब और तुर्की के प्रतिनिधि अतिथि के रूप में मौजूद थे।
साझा बयान में अफगानिस्तान में पदस्थ तालिबान सरकार से आग्रह किया गया है कि वह देश में मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ और सख्त कदम उठाए और उनके खात्मे के उपाय करे। ये कदम नजर आने वाले और ठोस होना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तार फिर कभी आतंकवाद का केंद्र व उसका प्रसारक देश न बने।