क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज (Moody’s) द्वारा भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर “Baa3” कर दिया गया है। भारत की बिगड़ती राजकोषीय स्थिति और लो ग्रोथ वाली अवधि के जोखिमों को कम करने के लिए पॉलिसीज के क्रियान्वयन में भारत द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों का हवाला देते हुए रेटिंग को “Baa2” से घटाकर “Baa3” कर दिया गया है। “Baa3” सबसे कम निवेश रैंकिंग है जो जंक ग्रेड से सिर्फ एक पायदान ऊपर है।
इसके अलावा मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने COVID-19 महामारी को रोकने के लिए भारत द्वारा किए गए संबंधित लॉकडाउन उपायों के साथ-साथ कोरोनवायरस महामारी से पड़े प्रभाव के कारण वित्त वर्ष 2021 में भारत की वास्तविक जीडीपी 4% तक नेगेटिव रहने की संभावना जताई है। साथ ही Moody’s द्वारा वित्त वर्ष 2022 में 8.7% की दर से वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
क्या है सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग?
किसी देश या संप्रभु इकाई की साख के स्वतंत्र विश्लेषण अर्थात भविष्य में अपनी देनदारियों को चुकाने की क्षमता के आकलन को ” सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग” कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं। रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं? यह रेटिंग टॉप इन्वेस्टमेंट ग्रेड से लेकर जंक ग्रेड तक होती हैं। जंक ग्रेड को डिफॉल्ट श्रेणी में माना जाता है।