गणतंत्र दिवस के समापन के बाद मंत्रालयों, सरकारी विभागों, राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की ये झांकियां लाल किले के परिसर में रखी जाती है। जहां फिर एक नए पर्व की शुरुआत होती है जो 5 दिनों तक चलता है। जिसे “भारत पर्व” कहा जाता है। जहां गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई झांकियों को देखा जा सकता है। इस बार पर्यटन मंत्रालय गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 26 से 31 जनवरी तक लाल किले के लॉन में छह दिवसीय मेगा कार्यक्रम “भारत पर्व” का आयोजन करेगा।
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साल 1950 में 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ था। उसी दिन से गणतंत्र दिवस की शुरुआत की गई थी। 1950 से भारत लगातार गणतंत्र दिवस का जश्न राजपथ ( अब कर्तव्यपथ) पर मनाते आ रहा है। जिसमें तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। गणतंत्र दिवस पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ कुछ सरकारी विभागों की झांकियां भी शामिल होती हैं। ये सभी झांकिया अलग-अलग थीम पर बनाई जाती है।
भारत पर्व क्या है?
भारत पर्व को मनाने का फैसला 27 जनवरी, 2016 को किया गया था। जिसकी शुरूआत पर्यटन मंत्रालय ने की थी। इस पर्व को मनाने का मुख्य मकसद पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देना और भारत की संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करना है। शुरुआती सालों में इस पर्व को 3 दिन तक मनाया जाता था लेकिन अब भारत पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है।
भारत पर्व का आकर्षण रहेंगी सांस्कृतिक झांकियां
भारत पर्व में इस साल कुल 23 झांकियां देखने को मिलेगी, जिसमें 17 झांकियां राज्य और केंद्र शासित राज्यों की होंगी और 6 झांकियां मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों की होंगी। आधिकारिक बयान के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय को इस आयोजन के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में नामित किया गया है। भारत पर्व कार्यक्रम के आकर्षण में गणतंत्र दिवस परेड की झांकियां, क्षेत्रीय सांस्कृतिक मंडलियों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन, एक अखिल भारतीय खाद्य न्यायालय और 65 हस्तशिल्प स्टालों के साथ एक अखिल भारतीय शिल्प बाजार शामिल होगा।