बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों की मदद करने और उत्पादन संयंत्रों को उनकी क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए सरकार बिजली खरीदेगी। विद्युत मंत्रालय ने पांच साल के लिए कुल 4500 मेगावाट बिजली खरीदने की तैयारी कर ली है। मंत्रालय ने खरीद के लिए पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड नोडल एजेंसी नामित किया है। ठंड के मौसम में बिजली की खपत अन्य दिनों की तुलना में अधिक रहती है। ऐसे में अब कुछ राज्य बिजली की कमी झेल रहे हैं। इस समस्या को दूर करने और बिजली उत्पादन ढांचे का आगे तक के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से विद्युत मंत्रालय ने पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड को बिजली खरीद योजना के लिए नोडल एजेंसी नामित किया है।
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योजना के तहत पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। ऐसा पहली बार है कि शक्ति योजना के बी (v) के तहत बोली लगाई जा रही है। साथ ही इस बोली में मध्यम अवधि के लिए संशोधित पीपीए का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2023 से बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। कोयला मंत्रालय से इसके लिए करीब 27 एमटीपीए कोयला आवंटित करने का अनुरोध किया गया है। इस योजना से बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों को मदद मिलने की उम्मीद है और इससे उत्पादन संयंत्रों को क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।