शेनझेन में 7–11 अगस्त 2025 को आयोजित 19वें चाइना ब्रांड फेस्टिवल में टॉपब्रांड यूनियन ने टॉप 500 ग्लोबल ब्रांड्स सूची 2025 जारी की। “एआई एंड ग्लोबल एक्सपेंशन” थीम पर आधारित इस महोत्सव में दुनियाभर से 10,000 से अधिक प्रतिभागी—उद्यमी, नीति-निर्माता और ब्रांड लीडर्स—शामिल हुए।
2025 के शीर्ष 10 वैश्विक ब्रांड्स (ब्रांड मूल्यांकन – अमेरिकी डॉलर में)
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माइक्रोसॉफ्ट – $1,062.505 अरब
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एनवीडिया – $1,046.760 अरब
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एप्पल – $997.685 अरब
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अमेज़न
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अल्फाबेट (गूगल)
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सऊदी अरामको
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वॉलमार्ट
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मेटा (फेसबुक)
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बर्कशायर हैथवे
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ब्रॉडकॉम
मुख्य विशेषताएँ
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माइक्रोसॉफ्ट की नेतृत्व स्थिति उसके एआई, क्लाउड कम्प्यूटिंग और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में दबदबे को दर्शाती है।
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एनवीडिया का दूसरा स्थान एआई चिप क्रांति और अगली पीढ़ी की तकनीकों को शक्ति प्रदान करने में उसकी अहम भूमिका को रेखांकित करता है।
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एप्पल तीसरे स्थान पर, उपभोक्ता इकोसिस्टम में मजबूती बनाए रखते हुए तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।
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सऊदी अरामको ऊर्जा क्षेत्र का सर्वोच्च ब्रांड है, जबकि ब्रॉडकॉम की एंट्री से सेमीकंडक्टर सेक्टर की बढ़ती ताकत उजागर होती है।
चीन की स्थिति
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पेट्रोचाइना, 14वें स्थान पर, सबसे मूल्यवान चीनी ब्रांड के रूप में उभरा।
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हालांकि फॉर्च्यून ग्लोबल 500 (2025) सूची में चीन की 130 कंपनियाँ शामिल हैं (अमेरिका से केवल आठ कम), लेकिन टॉपब्रांड रैंकिंग में अमेरिका की तुलना में चीन की मौजूदगी आधे से भी कम है।
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यह आर्थिक ताकत और वैश्विक ब्रांड प्रभाव के बीच अंतर को दर्शाता है—यानी, आकार में बड़ी कंपनियों के बावजूद चीनी ब्रांड्स अभी भी वैश्विक दृश्यता और सॉफ्ट पावर में पीछे हैं।
वैश्विक प्रवृत्तियाँ
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एआई और सेमीकंडक्टर अब ब्रांड मूल्य निर्माण के केंद्र में हैं।
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ऊर्जा और खुदरा जैसे पारंपरिक क्षेत्र अभी भी मजबूत हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी नवाचार से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेल रहे हैं।


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