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जीआई-टैग वाली स्थानीय फसल को बढ़ावा देने के लिए मणिपुर ने हथेई मिर्च महोत्सव की मेजबानी की

14वाँ सिराराखोंग हथई मिर्च महोत्सव मणिपुर के उखरूल ज़िले के सिराराखोंग गाँव में धूमधाम से उद्घाटित हुआ। तीन दिवसीय यह उत्सव भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हथई मिर्च को समर्पित है, जो अपनी अनोखी सुगंध, स्वाद और चमकदार लाल रंग के लिए प्रसिद्ध है।

GI टैग मिलने से हथई मिर्च को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और यह मणिपुर की विशिष्ट कृषि पहचान का प्रतीक बन चुकी है।

प्रमुख आकर्षण

  • ध्वजारोहण समारोह

  • मणिपुर की विरासत को दर्शाते सांस्कृतिक कार्यक्रम

  • किसानों के लिए प्रत्यक्ष बाज़ार उपलब्ध कराने हेतु खरीदार-विक्रेता बैठक

  • राष्ट्रीय अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत वृक्षारोपण अभियान

ये गतिविधियाँ सांस्कृतिक गौरव, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण जागरूकता को साथ लेकर चलने का प्रयास हैं।

हथई मिर्च के बारे में

  • उत्पत्ति: सिराराखोंग गाँव, मणिपुर

  • विशेषताएँ: GI-टैग प्राप्त, चमकीला लाल रंग, मध्यम तीखापन, गहरी सुगंध

  • उपयोग: मसाले, अचार और खाद्य प्रसंस्करण में

महोत्सव के उद्देश्य

  • मणिपुर में कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देना

  • हथई मिर्च किसानों के लिए बाज़ार से सीधा जुड़ाव स्थापित करना

  • स्थानीय पहचान और जैव विविधता का उत्सव मनाना

  • पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना

मुख्य बिंदु

  • कार्यक्रम: 14वाँ सिराराखोंग हथई मिर्च महोत्सव

  • स्थान: उखरूल ज़िला, मणिपुर

  • GI-फसल: हथई मिर्च

  • संबंधित अभियान: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण

  • केंद्रबिंदु: GI फसल संवर्धन, सांस्कृतिक पर्यटन, किसान-बाज़ार संबंध

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