मणिपुर में पहाड़ी-घाटी एकता का मेरा होउ चोंगबा उत्सव मनाया गया

मणिपुर में “मेरा हाउ चोंगबा” (Mera Hou Chongba) उत्सव धूमधाम से मनाया गया, जो पहाड़ी जनजातियों और घाटी निवासियों के बीच एकता (Unity) का सशक्त प्रतीक है। यह पारंपरिक मैतेई पंचांग (Meitei Calendar) के “मेरा महीने” की पूर्णिमा (15वें चंद्र दिवस) को मनाया जाता है। यह उत्सव सामुदायिक सौहार्द, पारंपरिक पहचान और सांस्कृतिक एकजुटता का जीवंत उदाहरण है।

इस वर्ष के आयोजन में मणिपुर के महाराजा सानाजाओबा लैशेम्बा — जो राज्यसभा सांसद भी हैं — ने सना कोनुंग (राजमहल), इम्फाल में पहाड़ी जनजातियों के मुखियाओं का पारंपरिक स्वागत किया।

रीति-रिवाज़ और उत्सव की झलकियाँ

उत्सव का शुभारंभ सना कोनुंग (राजमहल) में धार्मिक अनुष्ठानों से हुआ। इसके बाद महाराजा और जनजातीय नेताओं ने कांगला दुर्ग (Kangla Fort) तक एक पवित्र जुलूस निकाला।
मुख्य आयोजन इस प्रकार रहे —

  • मेरा मेन टोंगबा (Mera Men Tongba) – पवित्र पेय अर्पण की रस्म

  • येनखोंग ताम्बा (Yenkhong Tamba) – एकता के प्रतीकात्मक प्रदर्शन

  • उपहारों का आदान-प्रदान – पहाड़ी और घाटी समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच

इन अनुष्ठानों के माध्यम से आपसी सम्मान और भाईचारे का भाव उजागर किया गया।
दिन का समापन एक भव्य सांस्कृतिक समारोह से हुआ, जिसमें जनजातीय और घाटी समुदायों की पारंपरिक नृत्य शैलियाँ, लोकसंगीत और सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।

सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व

  • मेरा हाउ चोंगबा मणिपुर का एकमात्र ऐसा उत्सव है जिसमें राज्य के सभी स्वदेशी समुदाय एक साथ भाग लेते हैं — चाहे वे किसी भी क्षेत्र या जनजाति से हों।

  • यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि शांति, एकता और सामाजिक समरसता का मंच भी है, विशेष रूप से ऐसे राज्य में जिसने कभी-कभी अंतर-समुदाय तनाव का सामना किया है।

  • ऐतिहासिक रूप से इस पर्व की उत्पत्ति नोंगदा लैरेन पाकहंगबा (Nongda Lairen Pakhangba) — मणिपुर के प्राचीन शासकों में से एक — के युग से मानी जाती है।

  • यह पर्व मणिपुर की इस भावना को दोहराता है कि —

    “विविधता में भी एकता संभव है, जब पहचान साझा परंपरा और सहअस्तित्व में निहित हो।”

स्थिर तथ्य

बिंदु विवरण
उत्सव का नाम मेरा हाउ चोंगबा (Mera Hou Chongba)
कैलेंडर तिथि मेरा महीने का 15वाँ चंद्र दिवस (मैतेई पंचांग अनुसार)
स्थान इम्फाल — सना कोनुंग से कांगला तक
नेतृत्व किया महाराजा सानाजाओबा लैशेम्बा
प्रतिभागी मणिपुर की पहाड़ी व घाटी की स्वदेशी जनजातियाँ
मुख्य अनुष्ठान मेरा मेन टोंगबा, येनखोंग ताम्बा, उपहारों का आदान-प्रदान
मुख्य उद्देश्य पहाड़ और घाटी समुदायों के बीच एकता, सांस्कृतिक सौहार्द और पारंपरिक पहचान को सुदृढ़ करना
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

35 mins ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

3 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

4 hours ago

जयंद्रन वेणुगोपाल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड का चेयरमैन और सीईओ नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…

4 hours ago

मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी करेगा

पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

4 hours ago