माली में 21 नवंबर, 2024 को राजनीतिक परिदृश्य में एक और महत्वपूर्ण बदलाव हुआ, जब सत्तारूढ़ सैन्य सरकार (जुंटा) ने प्रधानमंत्री चोगुएल मैगा को बर्खास्त कर उनकी जगह अब्दुल्लाये मैगा को नियुक्त किया। यह घोषणा सरकारी टेलीविजन ORTM पर की गई। यह कदम उस समय उठाया गया है जब सैन्य सरकार पर लोकतंत्र की बहाली के वादे को पूरा न करने और देश के राजनीतिक माहौल में बढ़ते तनाव के कारण आलोचना हो रही है।
चोगुएल मैगा की बर्खास्तगी: जुंटा के साथ टकराव
2021 में जुंटा द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए चोगुएल मैगा ने हाल ही में सैन्य सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जुंटा 24 महीने के भीतर चुनाव कराने के वादे को पूरा करने में विफल रहा है। यह बयान सैन्य शासकों को नाराज कर गया, जिससे उनकी बर्खास्तगी का रास्ता साफ हुआ।
बर्खास्तगी के प्रमुख कारण:
- चुनावों में देरी पर जुंटा की आलोचना।
- निर्णय लेने की प्रक्रिया को गुप्त और पारदर्शिता-विहीन बताया।
चोगुएल मैगा ने जुंटा के काम करने के तरीके और चुनाव टालने के फैसले को लेकर खुलकर नाराजगी जताई। उनकी आलोचना से सैन्य शासकों के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई।
अब्दुल्लाये मैगा: नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति
चोगुएल मैगा की बर्खास्तगी के तुरंत बाद, अब्दुल्लाये मैगा को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। अब्दुल्लाये मैगा सैन्य सरकार के प्रवक्ता और जुंटा के विश्वस्त सहयोगी रहे हैं। उनकी नियुक्ति यह दर्शाती है कि जुंटा अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक अधिक सहयोगी नेता चाहता है।
सैन्य शासन और लोकतांत्रिक संक्रमण में देरी
माली की सैन्य सरकार ने 2020 और 2021 में क्रमशः दो तख्तापलट के माध्यम से सत्ता हथिया ली। उन्होंने फरवरी 2024 तक चुनाव कराकर नागरिक शासन बहाल करने का वादा किया था।
चुनाव में देरी के कारण:
- तकनीकी चुनौतियां।
- सत्ता बनाए रखने की रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है।
चोगुएल मैगा के अनुसार, चुनाव स्थगित करने का फैसला प्रधानमंत्री को सूचित किए बिना लिया गया था। उन्होंने इसे “गुप्त और अपारदर्शी प्रक्रिया” कहा।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:
- ECOWAS और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने जुंटा की आलोचना की है।
- माली पर प्रतिबंध और अलगाव बढ़ रहा है।
घरेलू स्तर पर:
- राजनेताओं और नागरिकों में चुनावों की देरी को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।
- देश में राजनीतिक विभाजन और तनाव गहराता जा रहा है।
मुख्य निष्कर्ष
माली की सैन्य सरकार आंतरिक मतभेदों और वैधता बनाए रखने की चुनौतियों का सामना कर रही है। चुनावों में अनिश्चित देरी और लोकतांत्रिक संक्रमण में विफलता ने जुंटा की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
समाचार का सारांश: माली की सेना सरकार ने अब्दुल्लाये मैगा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया
शीर्षक | विवरण |
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क्यों चर्चा में? | माली की सैन्य सरकार ने 21 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री चोगुएल मैगा को बर्खास्त कर उनकी जगह अब्दुल्लाये मैगा को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। |
बर्खास्तगी का कारण | |
– चोगुएल मैगा ने सैन्य सरकार की आलोचना की थी कि वह 24 महीने की निर्धारित समय सीमा में चुनाव कराने में विफल रही। | |
– उन्होंने सरकार पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें शामिल न करने और गुप्त रूप से निर्णय लेने का आरोप लगाया। | |
स्थिर जानकारी | |
राजधानी: बमाको | |
आधिकारिक भाषाएं: बाम्बारा, सोनिंके भाषा, फुला, हस्सानिया | |
मुद्रा: पश्चिम अफ्रीकी CFA फ्रैंक | |
नयी नियुक्ति | सैन्य सरकार के प्रवक्ता अब्दुल्लाये मैगा को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। |
पृष्ठभूमि (जुंटा) | |
– सैन्य सरकार ने 2020 और 2021 में दो तख्तापलट के माध्यम से सत्ता पर कब्जा किया। | |
– फरवरी 2024 में निर्धारित चुनाव तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए। | |
चोगुएल मैगा की भूमिका | |
– 2021 में प्रधानमंत्री नियुक्त हुए, शुरुआत में जुंटा की नीतियों का समर्थन किया, जिसमें रूसी भाड़े के सैनिकों के साथ साझेदारी शामिल थी। | |
– हालिया चुनावों में देरी और जुंटा की गुप्त कार्यशैली पर आलोचना के कारण बर्खास्त कर दिए गए। | |
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया | |
– ECOWAS और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने जुंटा द्वारा लोकतंत्र की ओर संक्रमण में विफलता और रूसी भाड़े के सैनिकों के साथ संबंधों की आलोचना की। | |
– माली बढ़ते अलगाव और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। | |
घरेलू प्रभाव | |
– माली के राजनेताओं और नागरिकों के बीच चुनावों में देरी के कारण बढ़ती निराशा। | |
– राजनीतिक विभाजन और गहराते जा रहे हैं। | |
मुख्य निष्कर्ष | |
सैन्य सरकार के कदम आंतरिक तनाव और वैधता बनाए रखने के संघर्ष को दर्शाते हैं, जबकि लोकतांत्रिक संक्रमण को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। |