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मालदीव राष्ट्रमंडल में शामिल होने वाला बना 54 वां सदस्य

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मालदीव 2016 में अंतरराष्ट्रीय संस्था राष्ट्रमंडल से बाहर होने के बाद इसमें शामिल होने वाला 54 वां सदस्य बन गया है। मालदीव, राष्ट्रमंडल में 1 फरवरी की आधी रात को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के ठीक बाद शामिल हो गया है। राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रिका स्कॉटलैंड ने मालदीव के फिर से राष्ट्रमंडल में शामिल होने की घोषणा मालदीव द्वारा राष्ट्रमंडल के मूल्यों और सिद्धांतों को सुनिश्चित करने और अन्य राष्ट्रमंडल सदस्यों से परामर्श के बाद की। मालदीव 1982 में पहली बार राष्ट्रमंडल का सदस्य बना।
मालदीव ने क्यों छोड़ा वैश्विक संगठन?


मालदीव 2016 में राष्ट्रमंडल से अलग हो गया था। मालदीव अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड और लोकतांत्रिक सुधार पर प्रगति के अभाव को लेकर निलंबित किये जाने की चेतावनी के बाद राष्ट्रमंडल की सदस्यता छोड़ दी थी। मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामिन की अध्यक्षता में देश में व्यवहार को “अन्यायपूर्ण और अनुचित” बताते हुए राष्ट्रमंडल छोड़ने का फैसला किया था।
मालदीव का राष्ट्रमंडल में पुनः प्रवेश:

मालदीव ने अपने लोकतांत्रिक सुधारों की प्रगति और कामकाजी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विकास के साक्ष्य प्रस्तुत किए। राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 2018 के राष्ट्रपति चुनावों में मिली आश्चर्यजनक जीत के बाद द्वीप राष्ट्र ने लोकतंत्र को काफी प्रोत्साहित किया। सुधार प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के बाद, उन्होंने महासचिव को राष्ट्रमंडल में फिर से शामिल होने का आवेदन दिया। 
राष्ट्रमंडल के राष्ट्राध्यक्षों अनुसार, कोई देश तभी राष्ट्रमंडल का सदस्य बन सकता है, जब उसने राष्ट्रमंडल चार्टर के मूल्यों और सिद्धांतों की सदस्यता ले रखी हो और शांति और समृद्धि को प्रोसाहित करने समेत स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध हो।
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