Home   »   सुल्तान इब्राहिम बने मलेशिया के नए...

सुल्तान इब्राहिम बने मलेशिया के नए राजा

सुल्तान इब्राहिम बने मलेशिया के नए राजा |_3.1

मलेशिया में सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर को नया राजा चुना गया है। वे 31 जनवरी, 2024 को वर्तमान राजा अल-सुल्तान अब्दुल्ला से पदभार ग्रहण करेंगे। सुल्तान इब्राहिम को 17 वां राजा चुना गया है। मलेशिया में राजा का पद काफी हद तक औपचारिक है, लेकिन वे प्रधानमंत्री जैसी प्रमुख नियुक्तियों की देखरेख करते हैं। देश में लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता के कारण हाल के वर्षों में राजशाही अधिक प्रभावशाली हो गई है।

मुस्लिम-बहुल देश मलेशिया में राजा का चुनाव हर 5 साल पर होता है। मलेशिया में राजा इस्लाम के प्रमुख और उसके सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करता है। मलेशिया एक संवैधानिक राजतंत्र है, जिसमें एक अनूठी व्यवस्था है। यहां 9 शाही परिवार के मुखिया 9 राज्यों के सुल्तान हैं, जो बारी-बारी से 5-5 साल के लिए राजा बनते हैं।

 

सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर के बारे में

नए राजा सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर 64 साल के हैं और वो मलेशिया के दक्षिणी राज्य जोहोर से आते हैं। इब्राहिम धनी और शक्तिशाली जोहोर शाही परिवार से हैं, जिसका मुखिया अपनी निजी सेना की कमान संभालता है। सुल्तान इब्राहिम दूसरे सुल्तानों के विपरीत राजनीति को लेकर काफी मुखर हैं। उनके प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वे अक्सर मलेशियाई राजनीति पर टिप्पणी करते हैं। सुल्तान इब्राहिम ने अपनी पढ़ाई अमेरिका में की है।

 

मलेशिया में राजा की भूमिका

मलेशिया में राजा की भूमिका को काफी प्रतिष्ठा दी जाती है, खासकर देश के मलय मुस्लिम बहुसंख्यकों के बीच। राजा के प्रति अवमानना भड़काने वाली आलोचना के लिए जेल की सज़ा हो सकती है। आखिरी बार कोई जोहोर सुल्तान 39 साल पहले राजा बना था जब इब्राहिम के पिता सुल्तान इस्कंदर को 1984 में मलेशिया का आठवां राजा घोषित किया गया था।

साल 1957 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से देश में यह व्यवस्था बरकरार है। मलेशिया में राजा की भूमिका आमतौर पर औपचारिक होती है, क्योंकि प्रशासनिक शक्ति प्रधानमंत्री और संसद के पास होती है। लेकिन राजा को खासकर जातीय मलय मुस्लिम बहुसंख्यकों के बीच इस्लाम और मलय परंपरा का संरक्षक माना जाता है।

 

गुप्त मतदान से चुने जाते हैं राजा

भले ही राजा बनने का तरीका पहले से तय होता है लेकिन इसके बावजूद एक गुप्त मतदान होता है। इस गुप्त मतदान में बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है। बैलेट पेपर में बस पहले से तय सुल्तान का नाम लिखा होता है। हर सुल्तान को ये बताना जरूरी होता है कि क्या नामांकित व्यक्ति राजा बनने के लिए उपयुक्त है? राजा बनने के लिए उम्मीदवार को बहुमत मिलना चाहिए। जब वोटिंग के नतीजे घोषित हो जाते हैं तो बैलेट पेपर्स को सुल्तानों के सामने नष्ट कर दिया जाता है।

 

Find More International News Here

Escalation in Nagorno-Karabakh Conflict: Azerbaijan Launches Military Operation_120.1

 

 

सुल्तान इब्राहिम बने मलेशिया के नए राजा |_5.1