पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सभी अवसंरचना विकास परियोजनाओं को एक भू-टैग युक्त 13-अंकीय अल्फान्यूमेरिक यूनिक आईडी (Infra ID) से चिन्हित करना अनिवार्य कर दिया है। यह आईडी प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद परियोजना की प्राथमिक पहचान के रूप में कार्य करेगी। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल एकरूपता लाना, दोहराव को रोकना और विभिन्न विभागों में परियोजनाओं की वास्तविक समय में निगरानी को सक्षम बनाना है। Infra ID पोर्टल के माध्यम से यह प्रणाली संचालित होगी, और लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक पिछले पांच वर्षों में स्वीकृत सभी परियोजनाएं इस पोर्टल पर पंजीकृत हो जाएं।
क्यों है ख़बरों में?
महाराष्ट्र सरकार ने 9 जून 2025 को Infra ID पोर्टल को सक्रिय कर दिया है। परियोजना स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई यह पहल पहले चरण में विदर्भ क्षेत्र के वर्धा ज़िले में लागू की जाएगी। 1 अक्टूबर 2025 से इसे राज्य के सभी विभागों और ज़िलों में विस्तार दिया जाएगा। वर्ष 2020 से स्वीकृत सभी अवसंरचना परियोजनाओं का पंजीकरण मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
यूनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर आईडी पहल के उद्देश्य
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महाराष्ट्र की हर अवसंरचना परियोजना को एक डिजिटल पहचान प्रदान करना।
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विभागों के बीच समन्वय बेहतर बनाना और परियोजनाओं की पुनरावृत्ति से बचाव करना।
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भू-टैगिंग के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी को सक्षम बनाना।
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परियोजना डेटा को केंद्रीकृत कर सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
यूनिक आईडी कैसे काम करती है
यह 13-अंकों की अल्फ़ा-न्यूमेरिक (अक्षर और संख्या वाली) पहचान होती है, जिसमें निम्नलिखित घटक शामिल होते हैं:
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1 अक्षर का राज्य कोड – जैसे M महाराष्ट्र के लिए
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2 अंकों का वर्ष कोड – जैसे 25 (वर्ष 2025 के लिए)
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4 अक्षरों का योजना/कार्यक्रम कोड
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3 अक्षरों का ज़िला कोड
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2 अक्षरों का परिसंपत्ति प्रकार संक्षिप्त रूप
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3 अंकों की क्रम संख्या
उदाहरण: M25RURWRDRODW001
(यह कोड किसी ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत वर्धा ज़िले में जल निकासी से जुड़ी संपत्ति को दर्शा सकता है)
यह आईडी परियोजना को प्रशासनिक मंज़ूरी मिलने के बाद अनिवार्य हो जाती है।
पहले चरण में शामिल विभाग
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लोक निर्माण विभाग
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ग्रामीण विकास विभाग
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नगरीय विकास विभाग
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जल संरक्षण विभाग
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जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग
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सिंचाई विभाग
प्रौद्योगिकी का उपयोग
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सभी परियोजनाओं को MRSAC (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर) के माध्यम से जियो-टैग किया जाएगा।
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इन्फ्रा आईडी पोर्टल के ज़रिए आम जनता और विभिन्न विभागों को परियोजना डेटा तक पहुंच मिलेगी।
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यह प्लेटफॉर्म परियोजना की स्वीकृति से लेकर पूर्णता तक के पूर्ण जीवनचक्र प्रबंधन को मजबूत बनाता है।
कार्यान्वयन समयरेखा
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जून 2025: Infra ID Portal की शुरुआत।
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अक्टूबर 2025: सभी ज़िलों/विभागों में विस्तार।
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मार्च 2026: पिछले 5 वर्षों की स्वीकृत परियोजनाओं का पंजीकरण पूर्ण करने की समयसीमा।
शासन तंत्र
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परियोजना की यूनिक आईडी रद्द या संशोधित करने का अधिकार ज़िला कलेक्टर की समिति को होगा।
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उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए निगरानी उपाय प्रणाली में समाहित किए गए हैं ताकि परियोजनाओं की प्रामाणिकता बनी रहे।
| बिंदु | विवरण |
| समाचार में क्यों? | महाराष्ट्र सरकार ने सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए जियो-टैग युक्त यूनिक आईडी शुरू की |
| नीति का नाम | बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए इंफ्रा यूनिक आईडी |
| कार्यान्वयनकर्ता | महाराष्ट्र सरकार |
| आईडी संरचना | 13-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड (राज्य, वर्ष, योजना, जिला आदि को दर्शाता है) |
| तकनीकी मंच | MRSAC (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर) |
| पूर्ण राज्यव्यापी लागू | 1 अक्टूबर, 2025 से |
| लक्ष्य पूर्णता तिथि | मार्च 2026 |
| पायलट जिला | वर्धा (विदर्भ) |


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