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महाराष्ट्र सरकार ने बालिका अनुपात सुधार के लिए नई नीति को मंजूरी दी

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महाराष्ट्र सरकार ने ‘मांझी कन्या भाग्यश्री’ योजना की  संशोधित नीति को मंजूरी दी है, जिसके अनुसार 7.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को लाभ होगा. यह योजना राज्य सरकार द्वारा 1 अप्रैल, 2016 को ‘सुकन्या’ योजना के स्थान पर शुरू की गई थी.

इसका उद्देश्य बालिका अनुपात में सुधार, लिंग निर्धारण और स्त्री भ्रूण हत्या को रोकने और महिला शिक्षा का समर्थन करना है.

पहले प्रावधान:
‘माजी कन्या भाग्यश्री’ योजना में गरीबी रेखा से नीचे परिवारों (बीपीएल) की लड़कियों तथा जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये हो, को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा.

संशोधित प्रावधान:
अब 7.5 लाख रुपये तक की आय वाले परिवार इस योजना के लिए योग्य होंगे. यदि पहली लड़की को जन्म देने के बाद, यदि माता या पिता परिवार नियोजन ऑपरेशन का निर्णय लेते है, तो लड़की के नाम 50,000 रुपये की राशि बैंक में जमा की जाएगी. यह योजना केवल अधिकतम दो लड़कियों तक वैध होगी. यदि तीसरे बच्चे का जन्म होता है, तो यह योजना पहले दो के लिए भी अमान्य हो जाएगी.


महत्वपूर्ण तथ्य-
2011 की जनगणना के अनुसार, महाराष्ट्र के बाल लिंग अनुपात 1000 लड़के प्रति 894 लड़कियां (छह वर्ष से कम) है, जोकि भारत में नौवा सबसे कम राज्य है. 1991 में 1000 लड़कों पर 946 लड़कियों से 2001 में घटकर 913 और 2011 में 894 हो गया है.

उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य-

  • देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं.
  • सी. विद्यासागर राव महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
स्त्रोत- प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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