डिजिटल समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महाराष्ट्र एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink (स्टारलिंक) के साथ औपचारिक समझौता करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। राज्य सरकार ने Starlink Satellite Communications Pvt. Ltd. के साथ एक Letter of Intent (LoI) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत महाराष्ट्र के सबसे दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू की जाएंगी।
साझेदारी का दायरा
महाराष्ट्र-स्टारलिंक समझौते का उद्देश्य उच्च गति और कम विलंबता (low-latency) वाली सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं निम्नलिखित क्षेत्रों तक पहुँचाना है —
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सरकारी संस्थान
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सार्वजनिक अवसंरचना (public infrastructure)
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ग्रामीण और आदिवासी समुदाय
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आकांक्षी जिले (Aspirational Districts)
लक्ष्यित जिले हैं —
गढ़चिरोली, नंदुरबार, Washim (वाशीम), और धाराशिव।
इन क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित अवसंरचना के कारण पारंपरिक इंटरनेट कनेक्टिविटी अक्सर बाधित रहती है। Starlink की Low-Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट तकनीक इससे निपटने के लिए एक प्रभावी समाधान प्रदान करती है।
रणनीतिक महत्व
1. डिजिटल महाराष्ट्र मिशन को बल
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यह साझेदारी “Digital Maharashtra Mission” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य के हर नागरिक को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।
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स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा ग्रामीण ई-गवर्नेंस, टेलीमेडिसिन, स्मार्ट कृषि और ऑनलाइन शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मौजूदा प्रयासों को और मजबूत करेगी।
2. आपदा एवं आपातकालीन तैयारी
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विश्वसनीय सैटेलाइट कनेक्टिविटी महाराष्ट्र की आपदा प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाएगी, खासकर बाढ़-प्रवण और दूरस्थ इलाकों में जहां परंपरागत संचार प्रणाली विफल हो जाती है।
3. राज्य की प्रमुख परियोजनाओं में एकीकरण
Starlink सेवाएं निम्नलिखित प्रमुख कार्यक्रमों को भी समर्थन देंगी —
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ईवी मोबिलिटी (EV Mobility) अवसंरचना
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तटीय लचीलापन और ब्लू इकोनॉमी (Coastal resilience & Blue Economy)
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स्मार्ट गांव एवं सीमा क्षेत्र विकास परियोजनाएं
स्टारलिंक के बारे में
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SpaceX द्वारा संचालित, Starlink वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा संचार सैटेलाइट समूह (constellation) संचालित करता है।
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यह LEO सैटेलाइट्स के माध्यम से ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करता है, जो कठिन भौगोलिक इलाकों में भी काम करता है।
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2025 तक, Starlink 70 से अधिक देशों में सक्रिय है, और अब भारत इसका नया विस्तार केंद्र बनने जा रहा है।
यह समझौता न केवल महाराष्ट्र के डिजिटल परिवर्तन में नई गति लाएगा, बल्कि भारत को सैटेलाइट इंटरनेट क्रांति के अग्रणी देशों में भी शामिल करेगा।


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